
देहरादून: विपक्ष ने भराड़ीसैंण में निर्माणाधीन विधानसभा सदन में राजधानी के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। नेता विपक्ष अजय भट्ट ने मांग की कि सरकार गैरसैंण में राजधानी पर जो भी निर्णय लेगी, वह उसके साथ खड़े हैं। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार अपना काम निपटाती रही। भोजनवकाश के बाद गैरसैंण के मसले पर सरकार से क्षुब्ध विपक्ष ने शेष सत्र का बायकाट किया। इस बीच सरकार ने सदन में विपक्ष की अनुपस्थिति में कई विधेयक और संकल्प प्रस्ताव पास किए। विपक्ष के गैरसैंण को स्थायी या अस्थायी (ग्रीष्मकालीन) राजधानी घोषित करने की मांग के बीच पहले सत्र में जमकर हंगामा हुआ। सरकार विपक्ष के गैरसैंण पर स्थिति साफ करने से लगातार बचती रही। हालांकि सदन में 1507 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पेश कर दिया गया।
बिना होमवर्क किये मंत्री पहुंचे सत्र
विपक्ष प्रश्नकाल चलाने के लिए पीठ से आदेश के बाद राज़ी हुआ। प्रश्न के संतोषजनक उत्तर न मिलने पर विपक्ष ने कुछ सेकंड के लिए सांकेतिक बहिर्गमन किया। शून्य काल में विपक्ष गैरसैंण पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग को लेकर अड़ा रहा। विपक्ष के वेल में हंगामे के बीच अपने आठ विधेयक पटल पर रख अपना बिजनेस निपटाया। सुबह 11 बजे शुरू हुए प्रश्नकाल में सरकार के मंत्रियों के विपक्ष के सवालों में उलझने से दिख रहा था कि मंत्री बिना होमवर्क के ही पहुंच गए हैं। विपक्ष के पाले में केवल 13 विधायक थे, जबकि शेष परिवर्तन यात्रा के चलते अनुपस्थित रहे। प्रश्नकाल के बाद 12:10 बजे शून्य काल शुरू होते ही विपक्ष के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, गणेश जोशी, हरभजन चीमा, पूरण सिंह फर्त्याल सहित अन्य वेल में उतर आए। गैरसैंण पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग के साथ नारेबाजी की। विपक्ष ने नियम 310 के तहत गैरसैंण और दो अन्य मुद्दों पर बहस के लिए सूचनाएं दीं, लेकिन सरकार ने केवल पलायन के मुद्दे पर बहस के लिए स्वीकृति देकर अन्य दो प्रस्ताव खारिज कर दिए। जिस पर नेता विपक्ष अजय भट्ट ने अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की।
नेता विपक्ष अजय भट्ट बोले क्या विवि बनाने के लिए गैरसैंण आई है सरकार?
भोजनावकाश के बाद मदन कौशिक ने गैरसैंण पर चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने एक बार फिर गैरसैंण पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। लेकिन सरकार बिजनेस निपटाती चली गई। भट्ट ने सवाल किया कि क्या सरकार विवि बनाने के लिए गैरसैंण आई है? इसके बाद उन्हें अवशेष सत्र का बहिष्कार कर दिया। इस बीच सदन की कार्यवाही चलती रही। सदन पटल पर बारी-बारी से बिल पेश हुए और फटाफट पास हो गए। इसके बाद 1507 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट व तीन संकल्प प्रस्तावों को भी सर्वसम्मति से पारित करा दिया गया।विपक्ष ने इसके बाद आक्रामक तेवर दिखाते हुए बैनर पोस्टर निकाल कर वेल में प्रदर्शन शुरू कर दिया, लेकिन सत्ता पक्ष ने पहले सत्र के लिए निर्धारित बिजनेस को निपटाया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने पहला सत्र दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दिया।
सत्र में यह विधेयक हुए पारित
- रासबिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय विधेयक 2016
- हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय विधेयक
- उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा विधेयक।
- सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय उत्तराखंड विधेयक 2016
- भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक।
- उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक
- उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद विधेयक
- उत्तराखंड जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था विधेयक
- उत्तराखंड ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय विधेयक
- श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय विधेयक
- उत्तराखंड सरकारी प्रत्याभूति की अधिकत परिसीमा विधेयक
- उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन विधेयक
- उत्तराखंड साहूकारी विनियमन संशोधन विधेयक
- क्वांटम विश्वविद्यालय विधेयक
- उत्तराखंड चलचित्र विनियमन (संशोधन) विधेयक
- उत्तराखंड कूड़ा फेंकना थूकना प्रतिषेध विधेयक
यह बने अधिनियम
- उत्तराखंड विनियोग विधेयक
- उत्तराखंड आमोद और पणकर विधेयक
- उत्तराखंड (यूपी नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड बेनामी लेन देन (प्रतिषेध विधेयक)
- उत्तराखंड राज्य की नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितिकरण, पुनर्वास, पुनर्व्यवस्था एवं अतिक्रम विधेयक
- उत्तराखंड मूल्य वर्धित कर द्वितीय संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय विधेयक
- उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जोत चकबंदी विधेयक