नई दिल्ली: खबर whatsapp इस्तेमाल करने वालो के लिए है। दिल्ली हाईकोर्ट ने whatsapp ग्रुप एडमिन को बडी राहत देते हुए कहा है कि व्हॉट्सऐप के किसी ग्रुप में किसी सदस्य द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट की जिम्मेदारी उसके एडमिन की नहीं होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर ग्रुप में कोई सदस्य कोई आपतिजनक पोस्ट ड़ालता है तो उसके लिए ग्रुप एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। गौरतलब है कि पिछले वर्ष से लेकर अब तक आपत्तिजनक पोस्ट का हवाला देते हुए तमाम व्हॉट्सऐप ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि आशीष भल्ला बनाम सुरेश चौधरी के मामले में व्हॉट्सऐप ग्रुप एडमिन को ग्रुप में एक मानहानि करने वाली पोस्ट के मामले में एक पक्ष बनाया गया था। अदालत ने पाया कि किसी ग्रुप में मानहानि संबंधी बयान के लिए एडमिनिस्ट्रेटर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
इसकी वजह यह है कि किसी ग्रुप में ऐसा नहीं होता है कि ग्रुप एडमिन की अनुमति के बगैर कोई सदस्य ग्रुप में पोस्ट नहीं कर सकता। अदालत ने पाया कि किसी ऐसे कंटेंट के लिए एडमिन को जिम्मेदार ठहराना, ठीक उसी तरह होगा जैसे किसी अखबार में मानहानि संबंधी खबर छपने पर न्यूजप्रिंट के निर्माता को जिम्मेदार ठहराना। इतना ही नहीं जिस व्हॉट्सऐप पोस्ट पर सवाल खड़े किए गए थे वो भी बिल्कुल मानहानि वाला नहीं था।
वैसे बता दें कि पिछले एक-दो सालों में व्हॉट्सऐप ग्रुप एडमिन पर जिम्मेदारी डालने के कई प्रयास किए गए। इनमें जम्म-कश्मीर में अप्रैल 2016 में जिलाधिकारी का आदेश, अक्तूबर 2016 में झारखंड सरकार का आदे भी शामिल है।