नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए जनमत संग्रह कराने की मांग की। शरीफ ने कहा कि हमारा देश आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित देश है। हमारे हजारों सैनिक इन आतंकी हमलों में मारे गए हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठाए हैं। हम विदेशों से प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित हैं। हम दुनिया में आतंक विरोधी अभियान चलाने में सबसे आगे हैं। नवाज ने आगे कहा कि हम भारत के साथ शांति चाहते हैं। उरी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से घबराए नवाज़ शरीफ ने यूएन में अपने भाषण के दौरान खुदके परमाणु संपन्न देश की धौंस दी।
आतंकी की बात की
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान वानी का भी जिक्र किया। नवाज शरीफ ने बुरहान वानी का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक कश्मीरी युवा नेता था जिसका कत्ल किया गया। उन्होंने कहा बुरहान शांति का चेहरा और वहां के लोगों की आवाज था। वह सिर्फ आजादी चाहते थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हुई हिंसा पर जांच होनी चाहिए और पैलेटगन से मरे हुए लोगों को इंसाफ दिलाया जाए। इसके अलावा शरीफ ने कश्मीर में जनमत संग्रह की मागं भी की।
कश्मीर पर बोले
'पहले कश्मीर मुद्दा सुलझे, तब आएगी शांति' पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत के साथ शांति बहाली चाहते हैं और इस दिशा में कुछ मील आगे भी बढ़े हैं लेकिन भारत के असहयोगी रवैये ने बात पर विराम लगा दिया। शरीफ ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बहाली तब तक नहीं हो सकती जब तक कश्मीर का मुद्दा नहीं सुलझ जाता।'
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान में आतंकी फैक्ट्री बंद नहीं होगी, तब तक उससे किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं है।
बलूच नेता ने भी लगाए आरोप
उधर, बलूचिस्तान के निर्वासित नेता बुगती ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार बलूच नागरिकों की हत्या कर रही है। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।