नई दिल्लीः अयोध्या में रामजन्म भूमि पर श्रीराम मंदिर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास का दावा है कि निर्माण कार्य आठ नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसके लिए देशभर से एक लाख कारसेवक अयोध्या में डेरा डालेंगे। यह बातें न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष जन्मेजय शरण दास व विश्व हिंदू जागरण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज ने बाराबंकी में पत्रकारों से बातचीत में कही। न्यास के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत बहादुर श्रीवास्तव के कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में संतों ने कहा कि उज्जैन में हुई धर्म संसद में ही आठ नवंबर से श्रीरामंदिर निर्माण का फैसला लिया गया था। संतों ने कहा कि जो पार्टी मंदिर निर्माण का समर्थन करेगी, उसे ही संत समाज समर्थन देगा। वैसे भाजपा बहुमत से जीतने जा रही।
कारसेवकों को रोका गया तो होंगे गंभीर परिणाम
संतों ने चेतावनी दी कि मंदिर निर्माण के देश के कोने-कोने से आने वाले कारसेवकों को अगर अयोध्या में आने से रोका गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। केंद्र व राज्य सरकार के सिर पर ठीकरा फूटेगा। रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत बहादुर ने कहा कि वे अपने गृहजनपद से 10 हजार कारसेवकों को लेकर अयोध्या कूच करेंगे। इस दौरान संतों ने कहा कि वह न्यायालय का सम्मान करते हैं। मंदिर मुद्दे पर आगे जो भी फैसला आएगा, वह स्वीकार्य होगा।
शहीदों के परिवार को मिले एक-एक करोड़
उड़ी हमले पर बोलते हुए आत्मानंद सरस्वती ने शहीदों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही कहा कि देश में इतने बड़े हमले के बाद पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सोचने की जरूरत नहीं है। उन्हें पाकिस्तान को सबक सिखाना होगा। अमेरिकी तक ने पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की तैयारी की है।