नई दिल्लीः चाहे मथुरा हिंसा हो या हालिया बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप का मामला। विपक्ष, और सरकारी एजेंसियों से हर जगह बचकर निकली सपा सरकार अब माइनिंग यानी खनन के महाघोटाले के भंवर में फंस गई है। लोकायुक्त तक मामला होता तो फिर सपा सरकार को कोई चिंता नहीं था, क्योंकि वहां भी सरकार ने अपना आदमी बैठा रखा है। मगर, यह सीबआई का शिकंजा है, अब अखिलेश सरकार को सूझ नहीं रहा कि कैसे इस मुसीबत से पार पाया जाए। जी हां, बीते 28 जुलाई को एक पीआइएल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद दो हफ्ते तक खामोश रही सीबीआई ने इस महाघोटाले की जांच के लिए अब कमर कस ली है। फाइलें तैयार होने लगीं हैं। टॉप क्लास के अफसरों की टीम भी तैयार हो रही है। जेल जाने के भय से सबसे बड़े खिलाड़ी खनन मंत्री गायत्री प्रसाद की नींद ही उड़ गई है। विरोधी घपले-घोटाले के सारे दस्तावेज लेकर मुस्तैद हो गए हैं। केंद्र सरकार ने भी सीबीआई को कह दिया है कि गुनहगार मंतरी हो या संतरी-कोई बचना नहीं चाहिए। चुनाव से पहले सीबीआई से कार्रवाई होने की आशंका से सपा के होश फाख्ता हैं।
यूपी में पट्टे का समय खत्म होने के बाद सत्ता के इशारे पर खनन
यूपी में खनन के लिए जिन लोगों को पट्टा दिया गया था, उसकी अवधि 31 मई 2012 को ही खत्म हो गई। मगर चहेते लोगों को खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने लाइसेंस बढ़ा दिया। वहीं तमाम लोग बिना लाइसेंस के ही यूपी में जगह-जगह नदियों किनारे अवैध खनन कर रहे हैं। अंधाधुंध बालू की तस्करी, मिट्टी की खुदाई से नदियों का जहां प्रवाह रोक दिया गया, वहीं खनन के नाम पर उपजाऊ जमीन भी माफिया खत्म कर दिए। तमाम जिलों के किसान यह शिकायतें करते घूम रहे हैं।
यूपी में इन जिलों में हर महीने दो सौ करोड़ का अवैध खनन
बांदा, हमीरपुर, महोबा में सबसे ज्यादा मोरंग बालू का खनन होता है। इसके अलावा नोएडा, बागपत, सहारनपुर, चित्रकूट,झांसी, उरई, फतेहपुर, उन्नाव, सोनभद्र, कानपुर, मिर्जापुर आदि जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है। एक आंकड़े के मुताबिक सिर्फ इन जिलों में दो सौ करोड़ से ज्यादा की कमाई खनन माफिया कर रहे हैं।
16 अक्टूबर को हाईकोर्ट रद कर चुका है सभी पट्टे
सबसे अहम बात है कि 16 अक्टूबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध खनन की सुनवाई पर नदियों से खनन के सारे पट्टे निरस्त कर दिए थे। इतना ही नहीं कोर्ट ने यूपी सरकार को सेटेलाइट मैपिंग के जरिए खनन की जांच करने का निर्देश दिया। मगर सपा सरकार का ही जब माफियाओँ को संरक्षण हासिल है तो फिर जांच होनी ही नहीं थी।
हाईकोर्ट ने सरकार के झूठ पर फटकारा-आंखों में धूल मत झोको
जब हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश वीके शुक्ला, न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की पीठ ने विजय दि्वेदी और अन्य की जनहित याचिका पर सरकार से जवाब-तलब किया तो राज्य के प्रमुख सचिव खनन ने कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए अवैध खनन की जांच के लिए कमेटी गठित करने की बात कही। फिर कहा कि अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। हकीकत से वाकिफ हाईकोर्ट ने इसे आंख में धूल झोंकना बताया। हाईकोर्ट ने सीबीआई को छह सप्ताह के बीच रिपोर्ट देने को कहा है।
गायत्री से इतना मोह कि IPS अमिताभ को धमकाने लगे मुलायम
अगर मुलायम सिंह यादव जैसा नेता किसी आईपीएस को फोन कर धमकी देने लगे कि वह खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के पीछे न पड़े नहीं तो भुगतना पड़ेगा इसका क्या अर्थ है। जाहिर सी बात है कि वह मंत्री मुलायम सिंह यादव का बहुत खास होगा। उनके साथ उठने-बैठने वाला होगा। कहा जाता है कि अवैध खनन से कमाई कर गायत्री प्रसाद इस समय सपा सरकार में सबसे धनाढ्य मंत्रियों में से एक हैं। सबसे ज्यादा सपा सरकार की फजीहत कराने के बाद भी अगर उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो इसलिए कि वे कमाई का बड़ा हिस्सा सपा के शीर्ष नेताओं को भी देते हैं।
खनन से ऐसा प्यार की सपा नेता की सिफारिश के 41 मिनट में आईएएस दुर्गा को किया निलंबित
2013 में जब गौतमबुद्धनगर(नोएडा) की एसडीएम ट्रेनी आईएएस दुर्गा नागपाल ने जबर्दस्त कार्रवाई शुरू की तो सपा सरकार में हड़कंप मच गया। स्थानीय पार्टी नेता नरेंद्र भाटिया की सिफारिश और शिवपाल यादव के वीटो पावर पर अखिलेश सरकार ने ईमानदार से काम करने वालीं दुर्गा नागपाल को निलंबित का तोहफा दे दिया। खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का निलंबन के रूप में तोहफा देने पर सपा सरकार की खूब फजीहत हुई। तब जाकर सरकार ने बैकफुट पर आते हुए दुर्गा नागपाल को बहाल किया।
उस समय एक वीडियो सपा नेता भाटिया का जारी हुआ था। जिसमें वह कह रहा था उसकी कहने के 41 मिनट के अंदर सीएम अखिलेश ने दुर्गा को औकात याद दिला दी।
केंद्र की भाजपा सरकार बख्शने के मूड में नहीं
सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा यूपी चुनाव में सपा को ही सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मान रही है। खुद सीबीआई जांच कराती तो तमाम तरह के सवाल उठते। मगर, हाईकोर्ट के आदेश से भाजपा सरकार को सुनहरा मौका मिल गया है सपा को काबू में करने का। करीबी सूत्रों ने बताया कि यूपी चुनाव की कमान संभाल रहे अमित शाह भी सीबीआई के टॉप क्लास के अफसरों को संदेश दे रहे कि जो भी दोषी निकले चाहे मंतरी हो या अफसर सबको नाप दो।