नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद पर मूल पक्षकार इकबाल अंसारी और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से कोर्ट में मामला उठाये जाने का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में सुब्रह्मणयम स्वामी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई है. कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान स्वामी की मौजूदगी को लेकर ये शिकायत दर्ज करवाई गई है. रजिस्ट्रार से की गई इस शिकायत में कहा गया है कि पिछली बार जब स्वामी सुनवाई के दौरान मौजूद थे तो उन्हें नहीं बताया गया. यही नहीं शिकायत में ये भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी स्वामी को राम मंदिर मामले में पार्टी बनने की इजाज़त नहीं दी है फिर भी वो हर सुनवाई में मौजूद रहते हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी के वकील ने ये शिक़ायत की है जिस पर अब शुक्रवार को सुनवाई होनी हैं.
कौन और क्या हैं इक़बाल अंसारी
दरअसल इकबाल अंसारी हाशिम अंसारी बेटे हैं. हाशिम अंसारी के देहान्त के बाद इकबाल अंसारी ही इस केस के याचिकाकर्ता बने हैं. इकबाल ने शिकायत की है कि पिछली बार 23 तारीख को कोर्ट के सामने स्वामी ने मांग रखी थी कि इस केस की रोज़ सुनवाई हो और इसके लिए सुनवाई फिक्स की जाए. इकबाल की शिकायत है कि स्वामी दूसरे पक्ष को सूचना नहीं देते हैं. जब्कि दूसरे पक्ष को भी इस बारे में सूचना दी जानी चाहिए ताकी वो भी अपना पक्ष रख सकें, लेकिन बार-बार ये बताने पर भी स्वामी दूसरे पक्ष को इसकी सूचना नहीं देते हैं.
SC ने दी थी बातचीत से सुलझाने की सलाह
सुब्रमण्यम स्वामी से कोर्ट ने कहा था कि वह कोर्ट के बाहर इस मुद्दे को बातचीत से हल करने की कोशिश करें और यही बेहतर भी होगा. इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी इस मामले में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है. चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा था कि दोनों पक्षों को मिल-बैठकर इस मुद्दे को कोर्ट के बाहर हल करना चाहिए.
पहले भी राम मंदिर पर टिप्पणी कर चुके हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी
बता दें कि कुछ दिन पहले सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राम मंदिर मुद्दे पर कई ट्वीट भी किए थे. मंदिर मसले पर स्वामी ने लिखा था कि मुस्लिम उनका सरयू पार मस्जिद बनाने का प्रस्ताव मान लें वर्ना 2018 में उनकी सरकार मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का काम करेगी. दूसरे ट्वीट में स्वामी ने लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त से 1994 से ही राम जन्मभूमि में रामलला का अस्थायी मंदिर विराजमान है और वहां पूजा भी जारी है. क्या इसे कोई गिराने की हिम्मत कर सकता है?