अब तुम नजर आते नहीं हो।
अब तुम लुभाते नहीं हो।।
दिल तुमको ही पुकारता है।
अब तुम पास आते नहीं हो।।
मन में भी तुम्हीं बस गए हो।
अब तुम क्यों लजाते नहीं हो।।
रोम- रोम में तुम ही बस गए हो।
अब हम क्यों रास आते नहीं हैं?
दिल को तो तुम ही जँच गए हो।
तुम क्यों दिल में बसाते नहीं हो?