दिनांक 22/5/2022
आज कि शाम मेरे लिए बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी में अपने हब्बी के साथ घूमने गई थी बहुत ही ज्यादा मजा आया एक साथ घूमने में हाथों में हाथ डाले हम दोंनो बहुत खुश लग रहें थे। एक दूसरे के साथ हमने बहुत एन्जॉय किया ऐसा लग रहा था कि मानो हम पहली बार एक - दूसरे से मिले हो भगवान करे हम दोंनो मियां बीवी का प्यार हमेशा यूं ही बना रहें इसी पर आपको सबको एक कविता सुनाने जा रही हूँ उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी यह कविता पसंद आये...
🌹🌹 एक शाम कि मुलाक़ात इस तरह उनसे हुई
🌹🌹 मैं शर्मा के उनकी बाहों में आ गई फिर ना
🌹🌹जाने क्या हुआ उन्होंने मुझे कुछ इस तरह छुआ
🌹🌹 कोई फासले ना रहें हमारे दरमियाँ मिट गई 🌹🌹हमारी सारी दूरियां बढ़ गई एक - दूसरे से इतनी नजदीकिया कि हम खो गये उनकी आँखो में कुछ इस तरह
जैसे दिलों में बजने लगी दूर कोई सहनाईया यह सारा
असर एक शाम कि मुलाक़ात था ❤❤
एक डायरी मेरी कलम से ✍️
निक्की तिवारी