दिनांक 19/5/2022 समय 6बजकर 32मिनट
आज कि मेरी इस डायरी में में आप सभी से उन लोगों के बारे में जिक्र करने जा रही हूँ जो पता नहीं अपने आपको कितना चालाक और होशियार समझते है। उन्हें खुद पर इतना ज्यादा गुरुर होता है कि वह अपने सामने बाकी के सभी लोगों को नलायक और अनपढ़ समझते है उनसे बात भी कर लो तो ऐसा लगता है कि हमसे बात करके वह बहुत बड़ा एहसान कर रहें हो मुझे ऐसे लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं पता नहीं उनमें ऐसा क्या होता है हो हमारे अंदर मौजूद नहीं है जबकि इंसान के पास अपना कुछ नहीं है जो है उस इश्वर कि दी हुई सौगात है शायद कुछ लोगों को यह बात याद दिलवानी पड़ती है तभी उन्हें अपनी असली महत्व का पता चलता है कि वह कितने पानी के अंदर या ऊपर
आज कि डायरी में बस इतना ही लिखना चाहती हूँ बाकी मुलाक़ात आपसे कल कि डायरी में होगी जब तक के लिए आप सभी को मेरा प्यार भरा स्नेह
एक डायरी मेरी कलम ✍️ से
निक्की तिवारी