दिनांक 24/5/2022
कहते है कि खामोशी में बड़ी ताकत होती है एक खामोशी सौ दर्द कि दवा होती है। इसी खामोशी पर आज में आप सबके लिए एक कविता लेकर आई हूँ आशा करती हूँ कि मेरी कविता आप सबको पसंद आये.......
मेरी खामोशी को वो क्या जाने
मेरी कोई बात ना माने कभी
लड़े कभी झगड़े मुझसे बेवजह
कभी बिगड़े मुझसे हर बात पर उलझें
मुझसे क्या उसके कसमें क्या वादे
हर वक़्त वह मुझ पर निशाना सादे
मेरी मोहब्बत उसको रास ना आये
शायद इसलिए मुझसे दूर रहने के
वो सारे बहाने बनाये कैसे मेरा दिल
उस पत्थर दिल को समझाये उसके
प्यार के लिए तरसे इतना मेरा दिल
पर वो मेरी खामोशी भी ना समझ पाये
एक डायरी मेरी कलम से✍️
निक्की तिवारी