दिनांक 23/5/2022
आज का विषय अपना शहर बहुत ही प्यारा और अच्छा विषय है मेरे शहर कि बात ही कुछ और है यहां जो भी आता है वापस इसकी सादगी और खूबसूरती कि तारीफ लेकर वापस जाता है यहां के लोग भी बहुत जल्दी किसी भी व्यक्ति को अपना लेते है उन्हें बहुत प्यार भी देते है यही वजह है कि हमें अपना शहर छोड़कर जाना अच्छा नहीं लगता इसी पर आज आप सबके लिए एक कविता लेकर आई हूँ उम्मीद उम्मीद करती हूँ कि आपको यह कविता पसंद आये.....
हम अपना शहर छोड़कर
कहां जाये जहाँ जाये अपने
आपको अकेला पाये यहां इतनी
बोलियों कि भाषा है यहां हर
लोगों के जीने कि अभिलाषा है
हमारे शहर जैसा कहां किसी
शहर का साँचा है यहां हर नेताओं
का मौजूद ढाँचा है हर बुनियाद
पर खड़ा हमारा अपना हर एक
साँचा है इसकी हर एक दहलीज पर
खड़ा हर एक इंसान सच्चा है हमारा
शहर सब शहर से सबसे अच्छा है
यहां हर दिल में प्यार बसता है
एक डायरी मेरी कलम से ✍️
निक्की तिवारी