1 अगस्त 2022
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मैं मोनिका गर्ग, फरीदाबाद, हरियाणा मेरा निवास स्थान है। लिखने का शौक बचपन से ही था। बहुत छोटी उम्र से ही लेखनी के सिपाही बनने की कोशिश की। हम उम्र बच्चे जहां गुड्डा गुडिया का खेल खेलते थे, मिट्टी के घरोंदें बनाते थे हम कलम के माध्यम से कागज पर उन घरोंदों के सुख दुःख उकेरते थे।महज बारह साल की उम्र में अपनी पहली कहानी "भिखमंगे" लिखी। फिर माँ सरस्वती के चरणों की उपासना करते करते कलम के सिपाही बनती चली गयी। आज हमारी बहुत सी कहानियाँ बहुत से मंचों पर सराही जाती हैं। एक मंच के लिए सहलेखन भी किया। Shabd.in, लेखिनी, प्रतिलिपि, स्टोरी मिरर, रश्मिरथी, शीरोज जैसे बहुत से मंच है जहाँ हमारा लेखन सतत् जारी है। हम ज्यादातर शार्ट स्टोरीज ही लिखते है।बाकि अभी तक चार उपन्यास भी लिखे चुके हैं। हमारी Shabd.in मंच के माध्यम से तीन किताबें पेपरबैक में प्रकाशित हो चुकी है। "मन की बातें", "रोचक व शिक्षाप्रद कहानियां" और "आखिर खता क्या थी मेरी" बहुत सी किताबें ई-बुक के रूप में भी Shabd.in पर उपलब्ध है। अब और क्या कहें बस इतना ही अपने विषय में कहेंगे। हमसे रचना तब होती है जब "भावनात्मक विचारों का ऐसा तूफान आता है कि जब तक उसे कागज पर ना उतार दें आत्मा को चैन नहीं मिलता।"D
बहुत सुंदर समा बांधा है आपने।
8 मई 2023
'मेरी जान तिरंगा है ' कहानी अपने शीर्षक पर खरी उतरी है। झंडे को सलाम क्यों करते हैं ? पंक्ति से कहानी गति पकड़ती है और बच्चे को उसके प्रश्न का उचित उत्तर देने के साथ साथ उसकी मां के कचोटते सवाल कि क्या वह भी बच्चे को अपनी तरह ही पढ़ाई करवा पाने में असक्षम रह जाएगी? का सार्थक जवाब दिलवा कर उसकी विवशता से उसे यह कह कह कर मुक्त करा देती है कि ' तुम्हारे बेटे को हम पढ़ाएंगे' इस तरह जैसे आज़ादी के साथ हमारा तिरंगा आसमान में झूम झूम लहरता है वैसे ही बच्चा भी आजादी से अपने व्यक्तित्व का निर्माण करेगा।
27 अक्टूबर 2022
'मेरी जान तिरंगा है ' कहानी अपने शीर्षक पर खरी उतरी है। झंडे को सलाम क्यों करते हैं ? पंक्ति से कहानी गति पकड़ती है और बच्चे को उसके प्रश्न का उचित उत्तर देने के साथ साथ उसकी मां के कचोटते सवाल कि क्या वह भी बच्चे को अपनी तरह ही पढ़ाई करवा पाने में असक्षम रह जाएगी? का सार्थक जवाब दिलवा कर उसकी विवशता से उसे यह कह कह कर मुक्त करा देती है कि ' तुम्हारे बेटे को हम पढ़ाएंगे' इस तरह जैसे आज़ादी के साथ हमारा तिरंगा आसमान में झूम झूम लहरता है वैसे ही बच्चा भी आजादी से अपने व्यक्तित्व का निर्माण करेगा।
27 अक्टूबर 2022
अति सुंदर लेख...
4 अक्टूबर 2022
Hame isse achhi achi chije sikhne ko milta h
26 सितम्बर 2022
Bahut acha h isse hame achi Sikh milta h hame pata chalta h ki hamari life me iske kitne imp h ya kitna jaruri h ye sab hamare liye
26 सितम्बर 2022
22 सितम्बर 2022
बहुत ही मार्मिक चित्रण किया है.
22 सितम्बर 2022