नई दिल्ली : सपा सरकार में परिवार कल्याण कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा के खिलाफ लखनऊ की एसीएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर भगोड़ा घोषित कर दिया है. जबकि रविदास मेहरोत्रा ने खुद को निर्दोष बताया है. उन्होंने इसे साजिश करार दिया है. दरअसल मेहरोत्रा कि मानें तो उन्हें कोर्ट का सम्मन प्राप्त नहीं हुआ.
रविदास पर कोई क्रिमिनल केस नहीं
गौरतलब है कि 42 साल में 250 बार जेल जा चुके रविदास मेहरोत्रा ने कॉलेज लाइफ से ही राजनीति शुरू कर दी थी. हमेशा जनहित के मुद्दे उठाते रहे. जिसके चलते उन्हें 42 साल में 250 बार जेल भी जाना पड़ा. यह अपने आपमें एक तरह का रिकॉर्ड है. दिलचस्प है कि उनके ऊपर कोई क्रिमिनल केस नहीं है, बल्कि जनता के पक्ष में किए गए आंदोलनों की वजह से जो केस दर्ज हैं, वही चल रहे हैं. साल 2012 में जमा किए एफिडेविट के मुताबिक उनके ऊपर अभी 17 केस दर्ज हैं. हालांकि अभी तक किसी में सजा नहीं हुई. मायावती के शासन काल में 2007 से 2002 के बीच में 18 बार जेल गए.
मुलायम से हुई थी जेल में मुलाकात
सपा सरकार के इस मंत्री की कहानी कुछ अजीबो गरीब है. साल 1973-74 से राजनीति की शुरुआत करने वाले सपा सरकार के मंत्री रविदास मेहरोत्रा को शुरू से ही राजनीति का चस्का लगा और वह जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़ गए. जिसके चलते आपातकाल के दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा. इस दौरान वह 18 महीने जेल में रहे. उनके एक साथी की जेल में प्रताड़ना के चलते मौत हो गई थी, जिससे बाकी बंदियों ने विद्रोह कर दिया. यहीं उनकी मुलाकात सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से हुई. इसके बाद से वह उनके साथ जुड़ गए. मुलायम के साथ आने के बाद उन्होंने 1989 में मुलायम के नेतृत्व में चुनाव जीता. 2012 में चुनाव जीतने के बाद वह मंत्री बने.