नई दिल्लीः अगर किसी से पूछा जाए कि पुलिस का क्या काम होता है तो जवाब यही मिलेगा कि क्राइम कंट्रोल करने के साथ लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना। अगर हम आपसे कहें कि पुलिस गरीबों को आवास भी दिलाती है तो आप कहेंगे क्या मजाक कर रहे हैं। यह मजाक नहीं हकीकत है, यूपी के अलीगढ़ में पुलिस का नया चेहरा दिखा है। यहां के एसएसपी राजेश पांडेय ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उस गरीब परिवार के सिर पर छत नसीब करा दी, जो सड़क पर सोने को मजबूर था। बेसहारों की मदद के लिए यहां आगे आई अलीगढ़ पुलिस ने नई भूमिका गढ़ी है। किसी गरीब परिवार के सिर पर छत नसीब कराने की पहल का यूपी पुलिस की ओर से यह पहला मामला है।
सड़क की पटरी पर मासूम के साथ सोने को मजबूर था गरीब पिता
पिछले चार साल से सड़क पर जिंदगी गुजारने वाले बब्लू ने आवास के लिए कहां-कहां नहीं फरियाद की। लखनऊ से लेकर अलीगढ़ के हर सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाते-लगाते चप्पल घिस गई, मगर सिर पर छत नसीब नहीं हो सकी। पांच साल के मासूम बच्चे के साथ लगातार अक्सर एसएसपी दफ्तर के पास मंडराने वाले बब्लू पर अलीगढ़ के एसएसपी की नजर क्या पड़ी कि किस्मत ही फिर गई। बब्लू को बुलाकर एसएसपी ने पूछा कि तुम्हारी परेशानी क्या है। अक्सर दफ्तर के आसपास पांच चाल से बच्चे को लेकर क्यों घूमते हो...।
पीड़ा सुन पिघल गए एएससपी, नसीब कराई सिर पर छत
बब्लू ने बताया कि वह भुजपुरा से एक घंटे पैदल चलकर पिछले चार साल से शहर आकर दफ्तरों का चक्कर काटता रहा। किसी ने कोई फरियाद नहीं सुनी। मासूम के साथ सड़क पर सोने की पीड़ा सुनकर अलीगढ़ एसएसपी राजेश कुमार पांडेय पिघल गए। उन्होंने डूडा के परियोजना अधिकारी से बातकर सरकारी आवास दिलाया। जब पैसा जमा करने की बारी आई तो डीएम से कहकर माफ करा दिया। सोमवार को जब आवास आवंटन की जानकारी हुई तो बब्लू आंखों में आंसू लेकर बच्चे के साथ अलीगढ़ एसएसपी दफ्तर पहुंचा और उनका शुक्रिया अदा किया।