मुंबई : टाटा संस ने साइरस मिस्त्री के उन आरोपों का सोमवार को जोरदार खंडन किया कि कंपनी का प्रबंधन करने वाले ट्रस्टों के संचालन में कमियां हैं. अपने पूर्व चेयरमैन मिस्त्री पर पलटवार करते हुए कंपनी ने कहा है कि टाटा समूह के ट्रस्टों का संचालन जमशेदजी टाटा व उनके दो बेटों की व्यक्तिगत वसीयतों से होता है.
इसके साथ ही कंपनी ने मिस्त्री पर कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. टाटा संस 100 अरब डॉलर के टाटा समूह की अंशधारक कंपनी है जिसके चेयरमैन पद से मिस्त्री को पिछले महीने अचानक हटा दिया गया था.
टाटा संस ने एक बयान में कहा है कि मिस्त्री के बयानों से इस औद्योगिक घराने व उनकी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है और ‘सभी शेयरधारकों को हजारों करोड़ रुपये का भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.' जिन कंपनियों को नुकसान हुआ है उनमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जिनके चेयरमैन मिस्त्री अभी बने हुए हैं.
टाटा संस ने एक बयान में कहा है, "ट्रस्टों का संचालन जमशेदजी टाटा, उनके बेटे सर दोराबजी टाटा व रतन टाटा तथा अन्य संस्थापकों की निजी वसीयतों से होता है. ये ट्रस्ट इन वसीयतों में तय उद्देश्यों का पालन कर रहे हैं." यही कारण है कि विभिन्न ट्रस्ट दशकों से काम कर रहे हैं. इनमें से अनेक ट्रस्टों में रतन टाटा आजीवन चेयरमैन हैं. इन ट्रस्टों की टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है.