लखनऊ : कहते हैं कलेक्टर का डंडा ही किसी जनपद को सुधरने के लिए काफी होता है. लेकिन यूपी के गोंडा के कलेक्टर साहब केवल अपने जिले को सुधरने के लिए जिले में अपना डंडा ही नहीं चला रहे हैं बल्कि समाज के दबे कुचले बच्चों को भविष्य भी सजाने और सुधारने में लगे हैं. जिसके चलते उनके इन कार्यों की भनक सीएम योगी आदित्यनाथ को जब लगी तो वह भी उनकी प्रशंसा करने से नहीं चुके. दरअसल जिलाधिकारी गोंडा आशुतोष निरंजन ने हाल में बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों को सर्वोदय योजना के तहत स्वयं गोद लेने एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों को गोद दिलाकर उनकी शिक्षा व अन्य व्यवस्थाएं कराने की पहल की है.
डीएम के कार्य से खुश सीएम योगी
फिलहाल उनकी इस पहल को कोई कुछ भी कहे, लेकिन सीएम योगी उनके इस कार्य से खुश ही नहीं बल्कि उनके कार्यों की सराहना करते हुए यह तक कह दिया है कि उनके जैसे अफसरों की ही जरुरत उन्हें यूपी की पुरानी तस्वीर बदलने के लिए है. देवीपाटन मंडल में तैनात उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर अंसारी 'इंडिया संवाद' से बात करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हाल ही में जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में बड़े पैमाने पर बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया गया था, जिसमें बालश्रम से मुक्त कराए गए एक बच्चे को जिलाधिकारी ने स्वयं गोद लेते हुए एसपी व अन्य अधिकारियों को गोद दिलाया तथा उनके समुचित शिक्षण की व्यवस्था की.
योजना को दिया नाम 'सर्वोदय'
अभियान को जिलाधिकारी द्वारा सर्वोदय योजना का नाम दिया गया. बीती 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी के समक्ष श्रम विभाग के प्रेजेंटेशन में जिलाधिकारी की इस पहल को स्वयं योगी आदित्यनाथ ने देखा और प्रशंसा करते हुए इस पहल को लागू करने पर विचार करने को कहा. जिलाधिकारी ने बालश्रम से मुक्त कराए गए 11 वर्षीय प्रदीप सिंह पुत्र राजपाल को स्वयं गोद लिया तथा एसपी, सीडीओ, एडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक, डीपीआरओ, पीडी, जिला समाज कल्याण अधिकारी को एक-एक बच्चा तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दो बच्चे गोद लेकर उनके शिक्षण व अन्य सुविधाएं कराने के निर्देश दिए हैं.
बालश्रम सर्वेक्षण में तेजी लाने के निर्देश
समीक्षा बैठक में डीएम ने सर्वोदय योजना को प्रभावी रूप से लागू करने, समिति के पुनर्गठन, बालश्रम पुनर्वासन के संबंध में प्रभावी करने, बालश्रम सर्वेक्षण एवं राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना के क्रियान्वयन तथा बालश्रम सर्वेक्षण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उपश्रमायुक्त ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सर्वोदय योजना की वेबसाइट बना दी गई, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। उपश्रमायुक्त ने जनसामान्य व संभ्रान्त जनों से अपील किया है कि बालश्रम से मुत्त कराए जा रहे बच्चों के पुनर्वासन हेतु आगे आएं और गोद लेने से लेकर किसी भी प्रकार का सहयोग जो भी संभव हो करें, जिससे समाज के ऐसे गरीब व मजबूर बच्चों को भी सुनहरा भविष्य हासिल हो सके।
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