नई दिल्ली : आईए आज हम आपको मिलवाते है कांग्रेस का दाना खाकर भाजपा का गाना गाने वाले नेता डॉक्टर हिमंत बिस्वा शर्मा से. असम, अरुणचाल , मणिपुर में भाजपा की सरकार बनाने की सारी 'सियासी उपलब्धियां' डॉक्टर हिमंत बिस्वा सरमा के ही नाम हैं. उनकी रणनीति और सफलता को देखकर तो उन्हें पूर्वोत्तर का अमित शाह माना जा रहा है. हिमंत को कांगेस पार्टी राजनीति में लेकर आई. वहीं से जोड़तोड़ और जुगाड़ की राजनीति सिख कर पूर्वोत्तर के तीनो राज्यों से कांग्रेस की लंका ढाह दी. अब उनका अगला निशाना मेघालय हैं, यहां पर अगले साल विधानसभा चुनाव है.
कैसे बनाये 3 राज्यो में भाजपा सरकार
हिमंत बिस्वा अपने रणनीति के तहत मणिपुर विधानसभा चुनाव से पहले छोटी पार्टियों के संपर्क मे थे 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में बीजेपी को 21 सींटे मिली. स्पष्ट बहुमत से 9 सींटे दूर. ऐसे में हिंमत ने नगा पीपुल्स पार्टी और नेसनल पीपल्स पार्टी के विधायको को एक साथ लेकर आए. दूसरी ओर कांग्रेस के असंतुष्ण विधायको को साथ में लाकर मणिपुर में भाजपा की सरकार बना दी. अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडु समेत 33 विधायक कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल में शामिल होते हैं. फिर ये लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं और अरुणाचल में भाजपा सरकार बनती है. बता दें असम में भाजपा को जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका को देखते हुए हिमंत बिस्वा को नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) का संयोजक उसी दिन बना दिया गया, जिस दिन सोनोवाल सरकार ने शपथ ली थी
तरुण गोगई की दाहिने हाथ थे हिंमत बस्वा
तरुण गोगोई की आंखो के तारे रहे हिमंत बस्वा शर्मा अब एक-दूसरे को देखना तक नहीं चाहते , तरुण गोगोई ने 2002 में कृषि तथा योजना व विकास राज्यमंत्री बनवाया, दूसरी बाद वित्त, योजना व विकास, गुवाहाटी विकास विभाग के राज्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई. जब दूसरी बार 2006 में गोगई जब मुख्यमंत्री बने तो तो हेमंत को कैबिनेट मंत्री बना दिया और कई अहम विभागों की ज़िम्मेदारी सौंप दी. वे धीरे-धीरे गोगोई के दाहिने हाथ बन गए थे.
शैडो सीएम कहे जाने वाले हिंमत ने क्यो दिया कांग्रेस से इस्तीफा...
उन्हें असम का शैडो सीएम कहा जाने लगा. लेकिन कलह यानी की विभीषण बनने की पीछे कारण तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई को राजनीति में मिलता महत्व था. जबकि हिमंत बिस्वा सरमा ख़ुद को अगला दावेदार मानते थे. इसी दौरान वे भाजपा के संपर्क में आ गए और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया. अगस्त, 2015 में उहोंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पर भाजपा की सदस्यता ली.
कौन है डॉक्टर हिमंत बिस्वा शर्मा
हिमंत बिस्वा सरमा कॉलेज के दिनों में कई वर्षों तक कॉटन कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे.
उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से पीएचडी किया है.
राजनीतिक अनुभव पर आधारित असमिया पुस्तक 'अनन्य दृष्टिकोण' लिखा हैं.
46 वर्षीय डॉक्टर सरमा ने एमए और लॉ करने के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट में कुछ वर्षों तक प्रैक्टिस भी की हैं.
पहली बार 1996 में जालुकबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कॉग्रेस का टिकट से हार गए, लेकिन लेकिन 2001 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भृगु फूकन जैसे दिग्गज नेता को हरा दिया.
उनकी पत्नी रिनिकी भूयां सरमा न्यूज़ चैनल और एक असमिया अख़बार की सीएमडी हैं