आगरा : जिस शहर में शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था. उसी शहर में एक पति ने अपने ओपन माइंडेड पत्नी का मर्डर करके खुद भी फांसी पर झूल गया. इससे पहले केमिस्ट पति अपनी पत्नी की लाश के साथ करीब दस घंटे तक बैठा रहा.
नर्सिंग होम में मिले दो शव
सोमवार की देर रात आगरा पुलिस को खबर मिली कि जयपुर हाउस के राजपाल नर्सिंग होम में दो शव मिले हैं. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां से दो लाश बरामद हुईं. मरने वाले कोई और नहीं बल्कि नर्सिंग होम में मेडिकल स्टोर चलाने वाले सुनील राजपाल और उनकी पत्नी अंशु थी. सुनील राजपाल नर्सिंग होम के मालिक डॉ. वीके राजपाल के छोटे भाई थे. उनकी पत्नी अंशु एक बुटीक चलाती थी. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की तो पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ.
सुसाइड नोट में ली मर्डर की जिम्मेदारी
सुनील राजपाल ने मौत को गले लगाने से पहले एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा था. जिसमें सुनील ने लिखा कि ‘मैंने अपनी वाइफ अंशु राजपाल का आज सुबह दिनांक 17 अप्रैल 2017 को सुबह 10:30 पर मंडे को मर्डर कर दिया है. जिसका जिम्मेदार मैं हूं. मैं खुद भी सुसाइड करने जा रहा हूं. इस जिंदगी से मैं तंग आ गया था. कोई भी इसका जिम्मेदार नहीं है. मैंने अपने बेडरूम में मर्डर किया है. लाश दूसरे कमरे में है. मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करता हूं. डॉक्टर साहब इसका ध्यान रखिएगा. मैं आपका बहुत आभारी रहूंगा’.
ईंट से सिर कुचलकर किया कत्ल
दवा कारोबारी सुनील राजपाल अपनी पत्नी के साथ राजपाल नर्सिंग होम के एक हिस्से में रहते थे. वहीं उनका मेडिकल स्टोर था. सुनील की पत्नी अंशु एक बुटीक चलाती थी. अंशु काफी मिलनसार और खुले मिजाज की थी. सुनील और अंशु का एक बेटा है संभव, जो गुडगांव में किसी कंपनी में नौकरी करता है. शव बरामद करने के साथ ही पुलिस ने छानबीन शुरू की, फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया. पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला कि अंशु की हत्या ईंट से सिर कुचलकर की गई थी. बाद में लाश को एक चादर में लपेट कर कमरे में रख दिया गया था. मौके से ईंट भी बरामद कर ली गई है.
पत्नी की लाश के साथ बिताए दस घंटे
मौका-ए-वारदात और सुसाइड नोट की जांच के बाद पुलिस का अनुमान है कि सोमवार सुबह 10:30 बजे बेडरूम में सुनील राजपाल ने अपनी पत्नी अंशु का कत्ल किया और उसके बाद उसकी लाश को चादर में लपेट कर दूसरे कमरे में रख दिया. सुनील ने कत्ल करने के बाद खून के निशान मिटाने के लिए कमरे की धुलाई भी की. इस दौरान नर्सिंग होम का स्टाफ जब उन्हें बुलाने भी आया तो उन्होंने तबीयत खराब होने के बहाना बना दिया. वह लगातार अपनी पत्नी की लाश के साथ बैठे रहा और लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश भी की. मगर कुछ समझ में नहीं आने पर रात के वक्त सुनील ने मौत को गले लगा लिया.
पत्नी की बढ़ती दोस्ती ने बना दिया कातिल
सुनील राजपाल का विवाह आगरा की छीपीटोला निवासी अंशु के साथ वर्ष 1990 में हुआ था. अंशु और सुनील की जिंदगी खुशहाल थी. सुनील अपने दवा के कारोबार में व्यस्त था तो अंशु अपना बुटीक कामयाबी से चला रही थी. इसी दौरान अंशु की दोस्ती कई लोगों से हो गई थी. फेसबुक पर भी वह कई लोगों के साथ बातें किया करती थी. उसके दोस्तों के लिस्ट बढ़ती जा रही थी. लेकिन सुनील को इस बात से परेशानी होने लगी थी. अंशु को लोगों से यूं दोस्ती करना और बुटीक पर पुरुषों का आना सुनील को पसंद नहीं था. इस बात को लेकर दोनों के बीच अनबन होने लगी थी. यहां तक कि सुनील को कई बार अंशु के पहनावे पर भी एतराज होता था. सुनील को अंशु का इस तरह से बेबाक रहना पसंद नहीं आ रहा था. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी वजह से सुनील ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया. हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है.