नई दिल्लीः भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हुए कारोबारी विजय माल्या की यूं ही गिरफ्तारी नहीं हुई। बल्कि इसके पीछे मोदी का मास्टरस्ट्रोक रहा। वित्त मंत्रालय और सीबीआइ के अफसरों की ओर से जब स्कॉटलैंड पुलिस को सारे सुबूत दे दिए गए तो मोदी ने खुद बात की। जिसके चलते सेंट्रल लंदन स्टेश न से विजय माल्या की आखिरकार गिरफ्तारी संभव हो सकी। विजय माल्या को वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तारी हुई है। भारत से भगोड़ा करार माल्या को अब कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रत्यर्पण संधि के तहत हुई गिरफ्तारी
किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर नौ हजार करोड़ रुपये भारतीय बैंकों से लेने के बाद माल्या पिछले साल दो मार्च को ब्रिटेन भाग गए। मामला कोर्ट पहुंचा तो माल्या को पासपोर्ट के साथ 30 मार्च 2016 को उपस्थित होने का आदेश दिया गया। भारत ने ब्रिटेन से आठ फरवरी को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत औपचारिक प्रत्यर्पण की मांग की थी। जिस पर ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को जिला जज को भेज दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद स्कॉटलैंड पुलिस ने गिरफ्तारी की।
सरकार किसी को नहीं बख्शेगी
वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि सरकार किसी आर्थिक अपराधी को नहीं बख्शेगी। हर किसी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सरकार लगातार प्रयासरत रही। अब जाकर सफलता मिली है। जहां तक भाजपा सरकार के राज में माल्या के भागने पर जो लोग सवाल उठाते हैं उनसे पूछा जाना चाहिए कि भारी-भरकम लोन आखिर किस सरकार के कार्यकाल में मिला था।