नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश में चुनावों में गोरखपुर के सांसद आदित्य नाथ राज्य की अखिलेश यादव सरकार पर भले ही खूब हमले बोल रहे हों लेकिन यूपी चुनाव में मुसीबत उनके सिर पर भी कुछ कम नही है। हिन्दू युवा वाहिनी चलाने वाले योगी आदित्यनाथ के सामने सबसे बड़ी मुसीबत फ़िलहाल उनके ही एक दर्जन लोग कड़ी कर रहे हैं।
ये लोग पूर्वी यूपी की करीब एक दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। ये उम्मीदवार शिवसेना के टिकट पर मैदान में हैं। अब बीजेपी को डर इस बात का है कि इससे बीजेपी को कितना नुकसान होगा। योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी संगठन का पूर्वांचल के गोरखपुर, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, संत कबीर नगर और सिद्धार्थनगर खासा प्रभाव बताया जाता है।
इसे पहले खुद योगी आदित्यनाथ अमित शाह से अपने लोगों को टिकट दिलाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी भिड़ चुके हैं। टाइम्स नेटवर्क से बातचीत में हिन्दू युवा वाहिनी के सुनील सिंह ग्रुप का कहना है कि 'हमने हिंदू युवा वाहिनी को 15 साल दिए। हमें क्या मिला।'
हालाँकि इस बीजेपी के क्षेत्रीय प्रवक्ता सत्येंद्र सिन्हा का कहना है कि हिंदू युवा वाहिनी की पहचान योगी आदित्यनाथ से ही है। सिन्हा कहते हैं, 'वह (योगी) यहां प्रभावशाली हैं। उन्होंने कहा है कि हिंदू युवा वाहिनी चुनाव नहीं लड़ रही। जो चुनाव लड़ रहे हैं वे संगठन के सदस्य ही नहीं हैं।'
हिंदू युवा वाहिनी के बागी सुनील सिंह कहते हैं कि 'योगीजी का मिशन हिंदुत्व है। उन्होंने अपने मिशन को छोड़ दिया है और एक पार्टी (बीजेपी) के पीछे भाग रहे हैं।' शिवसेना के राज्य अध्यक्ष अनिल सिंह का कहना है कि 'हमारे पास लोकसभा में बहुमत है लेकिन वे (बीजेपी) बिल (मंदिर) लेकर नहीं आए। मोदी खामोश हैं। हम राम मंदिर के लिए अभियान चलाएंगे।'