नई दिल्लीः नोटबंदी पर संसद में केंद्र सरकार पर हमलावर हुईं बसपा सुप्रीमो मायावती का मायाजाल तोड़ने के लिए अब मोदी के करीबी अफसरों ने प्लानिंग शुरू कर दी है। भाई आनंद कुमार हों या फिर पार्टी के फाइनेंसर नसीमुद्दीन। सभी की बेनामी संपत्तियों का लगभग ब्यौरा तैयार हो गया है। नोटिस के बाद संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। यह कार्रवाई मोदी के करीबी अफसर व राजस्व सचिव हंसमुख अढिया के निर्देश पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस(सीबीडीटी) के नए चेयरमैन सुशील चंद्र ने शुरू कराई है। यह जानकारी सीबीडीटी के भरोसेमंद सूत्रों ने इंडिया संवाद को दी है।
हंसमुख वही अफसर हैं, जो कि मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहते समय उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं।
DG इनवेस्टीगेशन कर रहे रिपोर्ट तैयार
राजस्व सचिव हंसमुख अढिया के निर्देश पर सीबीडीटी चेयरमैन ने डायरेक्टर जनरल इनवेस्टीगेशन इनकम टैक्स से पूरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा। डीजी इनवेस्टीगेशन ने बसपा मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार, फाइनेंस नसीमुद्दीन, सलाहकार व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, गाजियाबाद से विधायक सुरेश बंसल की नामी व बेनामी सभी संपत्तियों की हैसियत का आंकलन किया जा रहा है। बसपा हुकूमत में विधायक बंसल ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट कारोबार में खूब मलाई काटी। यह रिपोर्ट तैयार होते ही राजस्व सचिव के पास जाएगी। इसके बाद संपत्तियों के असली मालिक को ढूंढ निकालने के लिए छापेमारी और जांच अभियान चलेगा। दरअसल बेनामी संपत्तियां रसूखदारों की ओर से अपने चहेते लोगों के नाम से खरीदी जाती है। जबकि पर्दे के पीछे से खुद मालिक रहते हैं।
दरअसल कहा जाता है कि मायावती की पूरी कमाई की देखरेख भाई आनंद केजिम्मे है। यही वजह है कि आनंद को कभी मायावती सामने नहीं आने देती।
सपा-बसपाराज के चहेते बिल्डर्स की भी सूची बन रही
सूत्र बता रहे हैं कि पूर्ववर्ती बसपा सरकार और मौजूदा सपा सरकार में चहेते बिल्डर्स की सूची भी तैयार करने का निर्देश हुआ है। अरबों-खरबों की कमाई से दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ सहित देश के तमाम महंगे शहरों में बेनामी संपत्तियों में पैसा लगाने का मामला सामने आ रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि सूची तैयार होते ही पहले आयकर विभाग इनसे अपनी संपत्तियों का स्वतः खुलासा करने के लिए कहेगा। इसके बाद जो भी संपत्ति की जानकारी देंगे, उसकी क्रास चेकिंग की जाएगी। इसके बाद विभाग अपने पास मौजूद विवरण के आधार पर बेनामी संपत्तियों की छानबीन करेगा।
इन बिंदुओं पर तैयार हो रही रिपोर्ट
कौन नेता और बिल्डर इंस्टीट्यूट चला रहा
रियल एस्टेट की किन कंपनियों में शेयर है
परिवार के सदस्यों की आर्थिक हैसियत का क्या स्तर है