नई दिल्लीः कार्मिक मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी टी जैकब अभी दफ्तर में बैठे थे कि पीएमओ से फरमान आ गया कि जाओ तमिलनाडु। वहां बैंकों और एटीएम से पैसे की जमा-निकासी का लाइव अपडेट दो। आम जनता से मिलो। बातचीत करो। बताओ पब्लिक खुश है या नाखुश। जरूरत पड़े तो एटीएम के आगे आम जनता की तरह लाइन में भी लगकर रियलिटी चेक करो। बस फिर क्या था कि टी जैकब ने फ्लाईट पकड़ी और पहुंच गए तमिलनाडु के वेल्लोर। वहां से नोटबंदी का पूरा हालचाल लेकर पीएमओ को दिया। जी हां ऐसे ही तमाम अफसरों को पीएमओ ने ग्राउंड जीरो फीडबैक के लिए लगा दिया है। ताकि पता चल सके कि जनता नोटबंदी से खुश है नाखुश। दिक्कत सामने आने पर उन्हें दूर करने के लिए केंद्रीय स्तर से सर्कुलर जारी हो सके।
DM-SSP से मिलकर दूर कराई समस्या
जब टी जैकब ने देखा कि वेल्लोर जिले के कई बैंकों के एटीएम में कैश नहीं है तो उन्होंने तुरंत डीएम एसए रमन से संपर्क किया। डीएम को निर्देश देकर लीड बैंक मैनेजर(एलडीएम) को तलब किया। केंद्र से आए आईएएस के तलब करने पर एसडीएम ने तत्काल कैश की व्यवस्था एटीएम में कराई। इस दौरान टी जैकब ने एसपी से सुरक्षा के मद्देनजर हर बैंक के पास पर्याप्त पुलिसकर्मियों की तैनाती के भी निर्देश दिए। इसके बाद पूरी रिपोर्ट टी जैकब ने केंद्र को उपलब्ध कराई।
सीनियर आईएएस ने लिया कोलकाता की बाजारों का हालचाल
पीएमओ के निर्देश पर सीनियर आईएएस राघवेंद्र सिंह 22 नवंबर को दिल्ली से फ्लाईट पकड़कर कोलकाता पहुंचे। यहां के बाजारों में पूरे दिन आम आदमी की तरह घूमते-टहलते रहे। लोगों सो नोटबंदी को लेकर बातचीत की। बैंक और एटीएम में जाकर हालचाल लिया। बाद में बैंक अफसरों से अपना परिचय देते हुए कैश आदि की दिक्कतों व पब्लिक के दबाव आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने भी पूरी रिपोर्ट लेकर केंद्र सरकार को भेजी।
नोटबंदी का फीडबैक लेने के लिए लगाए गए 290 अफसर
पीएमओ के सूत्र बताते हैं कि नोटबंदी का फीडबैंक लेने के लिए कुल 290 अफसरों की टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठित की है। इसमें ज्यादातर केंद्र सरकार के विभिन्न महकमों में तैनात आईएएस अफसर हैं। इन्हें देश के विभिन्न जिलों में जाकर नोटबंदी के बारे में आम जन का फीडबैक जुटाने को कहा गया है। निर्देश है कि अफसरशाही का लबादा उतारकर आम जन की तरह ये लोगों से मिलेंगे। बगैर अपना परिचय दिए आम जन से बातचीत कर उनकी राय लेंगे। सिर्फ बैंक अफसरों या फिर जिला प्रशासन के अफसरों से किसी समस्या को सुलझाने के लिए बात करते समय ही अपना परिचय देंगे।