नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि यह भी है कि उसने अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को जिस तरीके से पेश किया वह अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबको घर दिया जाएगा।
इस योजना के तहत 2022 तक 2 करोड़ सस्ते घर, मतलब रोजाना 8,000 हजार घर बनने थे। 18 महीने के बाद इस योजना के तहत 6716 घर बन पाए थे, लेकिन इस योजना में आंकड़ों का खेल हो गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड पॉवरिटी एलिवेशन (हूपा) ने अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए पुरानी सरकार के राजीव गाँधी आवास योजना के आकड़ों को भी शामिल कर लिया।
आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर 2016 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6,716 घर बने थे लेकिन अब नए आंकड़ों में दावा किया गया है कि अब तक इस योजना के तहत 97489 घरों का निर्माण हो चुका है।
हालाँकि मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर लिखा है कि इन आंकड़ों में राजीव आवास योजना भी शामिल है लेकिन दिसम्बर तक इन आंकड़ों को नहीं जोड़ा गया था।
सबसे चौकाने वाली बात तो यहाँ है कि एक तरफ हाउसिंग मिनिस्टर वेंकैया नायडू का कहना है कि दिल्ली को अभी तक इस योजना में शमी नहीं किया गया है लेकिन मिनिस्ट्री की रिपोर्ट बताती है कि यहाँ 113 घर बन चुके हैं और 200 घरों के निर्माण का काम चल रहा है।
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले यूपीए सरकार जिस काम को पिछले 10 साल में नहीं कर पायी वो काम मोदी सरकार ने 3 साल में कर दिखाया।
वेंकैया नायडू का दावा था कि 22 महीने में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 97489 घर बन चुके हैं।