नई दिल्लीः स्वच्छ भारत मिशन की जिम्मेदारी किस अफसर के कंधे पर दें, इसकी तलाश में लगे मोदी को किसी ने खबर दी कि वर्ल्ड बैंक से जुड़े देश के रिटायर्ड आईएएस परमेश्वरन अय्यर को क्यों न बुला लिया जाए। अय्यर सेनिटेशन के वह विशेषज्ञ आईएएस अफसर हैं, जो वर्ल्ड बैंक के साथ काम करते हुए खुले में शौच करने का वियतनाम के माथे पर लगा दाग मिटा चुके हैं। बस फिर क्या था कि मोदी ने बुलावा भेजा और यूपी कॉडर के 1981 बैच के अफसर अय्यर स्वदेश आ गए। पिछले दो साल मेें जब से स्वच्छ भारत मिशन की जिम्मेदारी संभाली तो धड़ाधड़ शौचालय बनवाना शुरू किया। आज देश के 60 जिले ओडीएफ यानी पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त(ODF) होने जा रहे हैं। बेहतर काम को देखते हुए वर्ल्ड बैंक पिछले साल दिसंबर में भारत को पांच साल में स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1.5 बिलियन डॉलर देने को राजी हुआ।
मोदी ने दिया केंद्रीय सचिव का दर्जा
जब रिटायर्ड आईएएस अफसर अय्यर वियतनाम से स्वदेश लौटे तो मोदी ने उन्हे ड्रिंकिंग वाटर एंड सेनिटेशन मिनिस्ट्री के सचिव का दर्जा दिया। यह पद उनके वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन सेक्टर में 20 साल काम के अनुभव और वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर वियतनाम जैसे देश को खुले में शौच की समस्या से मुक्ति दिलाने की योग्यता देखते दिया गया।
मोदी बोले- देश के सभी जिलों को खुले में शौचमुक्त करो
प्रधानमंभत्री नरेंद्र मोदी ने रिटायर्ड आईएएस अफसर अय्यर के कंधे पर स्वच्छ भारत मिशन की जिम्मेदारी देते हुए कहा कि उनकी मंशा है कि देश के सभी जिले खुले में शौच की समस्या से मुक्त हों। क्योंकि आप वियतनाम जैसे देश को इस समस्या से निजात दिला चुके हो, तो यहां भी बहुत उम्मीद है। इस पर उत्साहित अय्यर ने जिम्मेदारी संभालते ही शौचालय निर्माण शुरू कराया। जिलों को Open Defecation Free (ODF) बनाने का प्लान तैयार किया। इस समय देश के फिलहाल 60 जिले खुले में शौच से मुक्त होने जा रहे हैं।
अय्यर का अनुभव
यूपी काडर के आईएएस अय्यर ने 2009 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वे अप्रैल 1998 से सितंबर 2007 तक वर्ल्ड बैंक के साथ काम किए, फिर देश लौटे। 2009 में रिटायरमेंट लेने के बाद फिर वर्ल्ड बैंक के साथ सीनियर वाटर एंड सेनिटेशन स्पेशलिस्ट के तौर पर जुड़ गए। जून 2012 तक वे वर्ल्ड बैंक की ओर से बतौर सीनियर सेनिटेशन स्पेशलिस्ट वियतनाम काम किए। पूरे देश में ऐसी जागरूकता की लहर पैदा की कि वियतनाम खुले में शौच की समस्या से मुक्ति पा गया।