दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिग्री विवाद पर दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) को जानकारी देने के निर्देश देने वाले अधिकारी को मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय के कार्यभार से हटा दिया गया है. मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आरके माथुर ने यह आदेश जारी किया है. अब यह प्रभार दूसरी सूचना आयुक्त मंजुला पाराशर देखेंगी.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार की शाम को सीआईसी ने अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस बदलाव का आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि एचआरडी मंत्रालय से जुड़ी सभी शिकायतें, अपील, आदि अब मंजुला पाराशर देखेंगी.
आचार्युलु ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक मामले की सुनवाई करते हुए बीती 21 दिसंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के लिए एक आदेश जारी किया था. इसके तहत 1978 में डीयू ने किन-किन लोगों को बीए की डिग्री जारी की, इस रिकॉर्ड की जांच की जानी थी.
आचार्युलु का आदेश यह इसलिए मायने रखता है क्योंकि 1978 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीयू से बीए की डिग्री ली थी. यह बात पिछले साल खुद भाजपा नेताओं ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के उस वक्त उजागर की थी.
जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया था. भाजपा नेताओं द्वारा यह जानकारी सार्वजनिक करने के बाद डीयू के रजिस्ट्रार तरुण दास ने भी इसकी पुष्टि की थी. हालांकि इससे पहले डीयू ने इस बाबत आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी सार्वजनिक करने से मना कर दिया था.
डीयू ने तर्क दिया था कि यह ‘विद्यार्थियों से जुड़ी निजी जानकारी है. इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करना जनहित से ताल्लुक नहीं रखता.’ लेकिन आचार्युलु का कहना था कि किसी भी पूर्व या वर्तमान छात्र-छात्रा की शिक्षा से जुड़ी जानकारी जनहित की श्रेणी में आती है और इसे सार्वजनिक किया जा सकता है.
आयोग ने तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए दोनों डिग्रियां सार्वजनिक करने का आदेश दिया था. तब यह खबर भी आई थी कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस आदेश से खफा है क्योंकि उसे लगता है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने नियमों की अनदेखी की है.