नई दिल्लीः भले ही प्रधानमंत्री मोदी संसदीय क्षेत्र बनारस में चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं, मगर जरूरत पड़ने पर आम जनता के काम भी आ रहे हैं। उन्होंने आठ दिन की नवजात बच्ची को असम से एयरलिफ्ट कराया। समय से दिल्ली में इलाज मिलने पर बच्ची की जान बच सकी।
क्या है मामला
बच्ची के पिता ध्रुबज्योति कलिता ने बताया कि नवजात बच्ची की किडनी काम नहीं कर रही थी। जिससे हम निराश हो गए। हमने बहुत कोशिश की दिल्ली जाने के लिए मदद नहीं मिल पाई। इस बीच मोदी से ट्विटर और ईमेल पर मैसेज भेजकर गुहार लगाई गई। । पीएम के दखल के बाद ट्रैफिक फ्री पैसेज मिल पाया'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद बच्ची को असम से एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली लाया गया। फिर दिल्ली के हवाई अड्डे से बचाव दल को गंगाराम अस्पताल तक ट्रैफिक फ्री पैसेज मिल पाया। जिसके बाद पीड़ित बच्ची और उसके माता-पिता समय से अस्पताल पहुंच सके। ध्रुबज्योति ने कहा, 'आज मोदीजी हमारे लिए भगवान के रूप में सामने आए है। गंगाराम अस्पताल में मासूम का इलाज जारी है। डक्टरों ने बताया कि अब बच्ची खतरे से बाहर है और धीरे-धीरे बेहतर हो रही है।
पहले भी मोदी कर चुके मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कई जरूरतमंदों की मदद कर चुके हैं। उन्होंने गाजियाबाद जिले की सामाजिक कार्यकर्ता डोरिस फ्रांसिस को तीन लाख रुपए की मदद भेजी थी। सड़क हादसे में बेटे की मौत के बाद डोरिस लंबे समय से नेशनल हाइवे 24 पर ट्रैफिक संभालती थी। वह कैंसर से जूझ रहीं हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा था। इससे पहले बुलंदशहर की कैंसर पीड़ित नन्ही बच्ची रिद्धि को प्रधानमंत्री ने 3 लाख रुपए की मदद दी थी। दिल्ली के धर्मशिला अस्पताल में रिद्धि की 5 बार कीमियोथैरेपी हुई और फिर बोनमैरो ट्रांसप्लांट हुआ। सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता। वाराणसी की एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई। इस महिला की बेटी की दोनों किडनियां खराब थी। पीएम मोदी ने फौनर पीएमओ के अफसरों को मदद का निर्देश दिया।