नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने इस्तीफा दे दिया है. आरोप है कि राजभवन में नौकरी की तलाश में आयी एक महिला के साथ उन्होंने अनुचित व्यवहार किया, जिसके बाद मीडिया में जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
राजभवन कर्मियों ने लिखी थी पीएम मोदी को चिट्ठी
राजभवन के कर्मचारियों ने राज्यपाल पर अपने 'दफ्तर की गरिमा से समझौता' करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उनकी शिकायत की थी. इस पत्र पर राजभवन के 98 कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए.
चिट्ठी में राज्यपाल पर क्या थे आरोप ?
11-सूत्रीय पत्र में कहा गया कि राज्यपाल ने रात्री ड्यूटी पर दो जनसंपर्क अधिकारी, एक बावर्ची और एक नर्स को नियुक्त किया है और ये सभी महिलाएं हैं. पत्र में आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपना काम करने के लिए सिर्फ महिलाओं का चयन किया है और निजी सचिव पुरुष अधिकारी को अपने सचिवालय में भेज दिया है. राजभवन के कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि षणमुगनाथन ने राजभवन को 'युवतियों का क्लब' बना दिया.
राज्यपाल ने किया मामले का खंडन
हालांकि राज्यपाल ने इन आरोपों का खंडन किया. षणमुगनाथन अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. उन्होंने स्थानीय दैनिक 'शिलॉग टाइम्स' से बुधवार को कहा था, 'ये सारी बातें सही नहीं हैं. हमने सिर्फ एक उम्मीदवार का चयन किया. जिन लोगों का चयन नहीं हुआ, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.' इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए यहां हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया था.
गणतंत्र दिवस पर समारोह में हुए थे शामिल
मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाले षण्मुगनाथन ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था. गुरुवार को दिन में मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा था कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार करेंगे.