नई दिल्लीः ओडिशा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान मोदी ने डिनर टेबल पर मार्गदर्शक मंडली के मुरली मनोहर जोशी को क्या बुलाया कि मीडिया ने राष्ट्रपति दावेदारी में उन्हें मजबूत बता दिया और लालकृष्ण आडवाणी को पीछे। भुवनेश्वर में पीएम नरेंद्र मोदी की जोशी के साथ डिनर टेबल चर्चा सियासी गलियारे में चर्चा-ए-खास है। पीएम के साथ डिनर करने वालों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महासचिव रामलाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे।
जोशी और आडवाणी पहले मुंह फुला चुके हैं मोदी से
इससे पहले पिछले साल जून में इलाहाबाद में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी पीएम मोदी और जोशी की गर्मजोशी देखने को मिली थी. तब दोनों ही नेता एक ही प्लेट से फ़्रूट चाट खाते हुए नजर आए थे. गौरतलब है कि इस साल जुलाई में राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है. ऐसा माना जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कई नामों के साथ जोशी के नाम पर भी विचार कर रहा है. जोशी को मोदी सरकार ने पद्म विभूषण सम्मान से भी नवाज़ा है. जोशी और लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं. दोनों बुज़ुर्ग नेता शुरूआत में मोदी सरकार से नाराज दिखे. बिहार के चुनाव में बीजेपी की हार के बाद दोनों नेताओं ने शांताकुमार और यशवंत सिन्हा के साथ मिल कर पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए थे. लेकिन असम में पार्टी की जीत के बाद पीएम मोदी और अमित शाह को बधाई का पत्र लिख कर रिश्ते सुधारने की कोशिश भी की. जोशी के बीजेपी अध्यक्ष रहते मोदी ने उनकी एकता यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई थी. वह इस यात्री के सारथी थे. अब दोनों नेताओं की ये गर्मजोशी और मोदी की ओर से जोशी को दिया गया सम्मान कई अटकलों को जन्म दे रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में जोशी की दावेदारी के मद्देनज़र ये और महत्वपूर्ण हो गया है.