नई दिल्ली : भले ही लोग पीएम मोदी को कालेधन के खिलाफ की गयी कार्यवाही को लेकर बंद किये गए 500 और 1000 की नोटबंदी को लेकर गाली दे रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि मोदी की इस पहल से राज्य और केंद्र सरकार के खाली चल रहे खजाने जरूर भर गए हैं. जिसके चलते सरकारी विभागों में लंबे समय से बिल अदा न करने वाले उपभोक्ताओं ने कालेधन को सफ़ेद करने के लिए एक ही बार में अपना सारा बकाया चुकता कर दिया है.
24 नवंबर तक मान्य 500 और 1000 के नोट
इसी का नतीजा है कि सरकार ने बिजली कंपनियों के बिल भुगतान के लिए 500 और 1000 रुपये के नोट को 24 नवंबर तक मान्य रखा है और लोग इस सुविधा का नाज़ायज़ फायदा भी उठा रहे हैं. जिसकी सबसे बड़ी नजीर यूपी की राजधानी लखनऊ में सामने आयी है. यहां बिजली विभाग (लेसा) ने 10 नवंबर से 13 नवंबर के बीच कुल 93 करोड़ रूपये के बिल जमा होने की पुष्टी की है. लेसा के मुताबिक सरकार के फैसले के बाद बिजली बिल जमा करने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं. लोग कई महीने पुराने बिल के साथ आ रहे हैं और अपना-अपना बकाया भुगतान कर रहे हैं.
उपभोक्ता ने 45 लाख कैश जमा किया
एक उपभोक्ता ने अपने पुराने बिलों का भुगतान करते हुए पूरे 45 लाख रुपये कैश जमा कराए, वहीं दो अलग-अलग लोगों ने 27 लाख और 28 लाख रुपये कैश में जमा कराए हैं. गौरतलब है कि सरकार ने पुराने 500 और 1000 के नोटों को 24 नवंबर तक कई जगहों पर इस्तेमाल करने की छूट दी है, जिनमें एयरपोर्ट, सरकारी अस्पताल, रेलवे स्टेशन और सरकारी बिजली कंपनियां के बिल के भुगतान हैं.