देहरादून: प्रधानमंत्री मोदी उस वक़्त मुख्यमंत्री गुजरात थे. जी हां बात तभी की है जब मोदी बद्रीनाथ पहुंचे और जिस गेस्ट हाउस में रुके थे उसमें जगतराम सेमवाल कार्यरत थे. लेकिन जैसे ही उत्तराखण्ड के टिहरी शहर में पीएम मोदी की डाक पहुंची तो लोग अचंभित हो गए. सोचने लगे भला जगतराम का पीएम मोदी से क्या संबंध. लेकिन ख़त को खोलते ही माजरा समझ में आया क्योंकि उस ख़त में जगतराम सेमवाल को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मदिन की बधाई भेजी थी. बस इतना पढ़ हर किसी की आंखे मानों खुशी से नम हो गई. लेकिन हर शख़्स ने कहा की पीएम साहेब की शख़्सियत सबसे जुदा है.
मोदी और जगतराम की सालों पुरानी शाम
दरअसल, चौरस में बनी जल विद्युत परियोजना में कार्यरत असिस्टेंट मैनेजर जगतराम सेमवाल को प्रधानमंत्री का बधाई संदेश मिलने पर उनके भाई ने इसकी सूचना दी. जिसके बाद बधाई पत्र आनन फ़ानन में श्रीनगर पहुंचाया गया. जीवीके कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर जगतराम सेमवाल बताते हैं कि 1998-2007 में वह जेपी कंपनी विष्णुपूरम मारवाड़ी जोशीमठ में कार्यरत थे. उस वक़्त मोदी सीएम गुजरात हुआ करता थे और वह बद्रीनाथ यात्रा पर आए थे. उस दौरान मोदी उनकी कंपनी के गेस्ट हाउस में ठहरे थे और वहीं उनकी पहचान भी हुई और एक शाम साथ में मुलाक़ात भी.
वह मुलाक़ात तो कुछ ही देर की थी लेकिन उस मुलाक़ात में मानों दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता क़ायम हो गया की मोदी भुला न सका. आज प्रधानमंत्री होने के बाद भी जिस तरह से ख़त लिखकर जन्मदिन की बधाई दी तो जगतराम भी खुद को रोक न सके और हर कोई कहना लगा कि जगतराम की पहचान तो प्रधानमंत्री मोदी से है.
मोदी के कसीदे पढ़ते नहीं थकते जगतराम
बधाई का यह संदेश भारतीय डाक द्वारा उनके गांव रुद्रप्रयाग जनपद के तरसाली फाटा पहुंचा तो हर कोई पीएम का क़ायल हो गया. अब जगतराम भी प्रधानमंत्री के कसीदे पढ़ते नहीं थकते हैं. उन्होनें मोदी के पीएम बनने के बाद जन्मदिन बधाई पत्र मिलने पर उन्होंने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया है, वह देश के लिए दिन रात काम करते हैं उनके जैसा कोई नहीं.