देहरादून: उत्तराखण्ड की बेटियां अपने हुनर से न सिर्फ भारत बल्कि विश्व पटल पर भी देवभूमि का नाम रोशन कर रही हैं. खेल की दुनिया हो या फिल्म की अब हर जगह पहाड़ की बेटियाँ अपने झंडे गाड़ रही हैं. बॉलीवुड से लेकर खेल के मैदान तक उत्तराखण्ड की लड़किया हर जगह आगे हैं. चाहे अनुष्का शर्मा हों या अनुकृति गुसाईं , उर्वशी रौतेला ने तो फ़िल्मी दुनिया में भी उत्तराखंड का नाम रोशन किया. वहीं खेल की दुनिया में भूमिका शर्मा मनराल, एकता बिष्ट और मानसी जोशी के बाद अब पौड़ी जिले की ऋतू नेगी ने ताईक्वांडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर न पूरे देश का नाम रोशन किया है.
ऋतु की उपलब्धियां
दिल्ली विवि स्तर पर - 1 गोल्ड
राज्य स्तर दिल्ली - 1 गोल्ड
राष्ट्रीय स्तर पर - 3 गोल्ड, 2 सिल्वर मेडल
21 वर्षीय रितु अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रहती हैं. ऋतु के इस जुनून ने ही आज देश को ताईक्वांडो में गोल्ड मेडल दिलाकर पौड़ी का नाम विश्व पटल सुनहरे अक्सरों में दर्ज कर दिया है. थाईलैंड के बैंकॉक शहर में इन दिनों तृतीय हीरो ताईक्वांडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है. जिसमें पांच अगस्त की शाम 53 किलो भार में भारत की ओर से ऋतु नेगी ने पाकिस्तान, नेपाल व थाईलैंड के खिलाड़ियों को मात देकर देश के लिए गोल्ड मेडल जीता. ऋतु नेगी की दादी देवकी देवी अपनी नातिन के गोल्ड मेडल जीतने से गदगद नजर आ रही है. दादी रुंदे गले से कहती है कि भले ही नातिन को ज्यादा प्यार नही दे पाई, लेकिन जब वह मेरे पास आती है. मैं उसे जी भरकर दुलारती हूं.
काल्जिखाल विकासखंड के नौली गांव की ऋतु नेगी ने बैंकॉक में पांच अगस्त को तृतीय हीरो ताईक्वांडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप में पाकिस्तान, नेपाल और थाईलैंड के खिलाड़ियों को मात देकर गोल्ड झटकर देश का मान बढ़ाया है. उसकी जीत पर गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है. 1996 को ऋतु का जन्म हुआ.
ऋतू का जन्म नौली गांव के कुलदीप सिंह नेगी और कुसुम नेगी के घर में दो सितंबर 1996 को हुआ. पांच साल की उम्र में ऋतु अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में रहने लगी. जहाँ महज 10 साल की उम्र में ही उनका आत्म रक्षा के खेल ताईक्वांडो के प्रति रुझान बढ़ा.
ऋतु के इस जुनून ने ही आज देश को ताईक्वांडो में गोल्ड मेडल दिलाकर पौड़ी का नाम विश्व पटल सुनहरे अक्सरों में दर्ज कर दिया है. थाईलैंड के बैंकॉक शहर में इन दिनों तृतीय हीरो ताईक्वांडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है. जिसमें पांच अगस्त की शाम 53 किलो भार में भारत की ओर से ऋतु नेगी ने पाकिस्तान, नेपाल व थाईलैंड के खिलाड़ियों को मात देकर देश के लिए गोल्ड मेडल जीता.
ऋतु के पिता कुलदीप सिंह नेगी ने कहना है कि वह शुरूआत से ही पढ़ाई व खेल के प्रति विशेष रुचि रखती थी. जब उसने पहली बार ताईक्वांडो खेल के प्रति इच्छा जागृत की, तो उन्होनें भी ख़ुशी पूर्व बेटी का साथ देने की ठानी. उन्होंने कहा आज ऋतु पर मुझे ही नहीं सारे देश को गर्व है और अब इससे आगे भी उम्मीदें बढ़ गई हैं.