वाराणसी : यूपी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अगर सबसे चुनौतीपूर्ण कोई क्षेत्र है तो वह है उनका संसदीय क्षेत्र बनारस। बनारस की 8 विधानसभा सीटें कहीं न कही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए नाक का सवाल भी बन गया है।
बनारस में बीजेपी की जमीनी हालात निराशाजनक होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी यहाँ चार, पांच और छह मार्च को तीन रैलियां करेंगे। इन रैलियों में और भी चुनावी वादे करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी को यहाँ के लोगों को साल 2014 लोकसभा में किये गए वादों का हिसाब देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह पूरे यूपी चुनाव में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को यूपी चुनाव में भुना रहे हैं उससे यह भी साफ है कि विपक्ष भी स्थानीय मुद्दों को छोड़कर बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के साल 2014 में किये गए वादों की याद दिलाएगा, जिसमे पहला वादा गंगा की सफाई का आएगा लेकिन गंगा की सफाई पर तो नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) भी सवाल खड़े कर चुका है।
व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा है ये विडियो
कांग्रेस पार्टी ने तो इसके लिए ''दर्द ऐ बनारस'' विडियो भी तैयार किया है। इस विडियो में ये दिखाने की कोशिश की गई है इस हाई प्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र पर विकास के जो दावे किये गए थे वह पूरे नही हुए। कहा जा रहा है कि इस विडियो को पूरे कांग्रेस बनारस में अपने प्रचार के दौरान दिखाएगी।
इस पूरे विडियो को काशी और बनारस में फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये पूरे काशी में फैलाया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार दो मिनट के इस विडियो को अब तक व्हाट्सएप के जरिये 2 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचा चुकी है।