नई दिल्ली : मोदी सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए विमुद्रीकरण तरीका अपनाया जिसके असर का आंकलन आने वाले वक़्त में किया जाएगा। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों की माने तो मोदी सरकार के दौर में ही साल 2016 की बात करें तो अब तक देश से 4.6 बिलियन डॉलर की रकम को विभिन्न तरीकों से देश से बाहर भेजा गया। यह रकम उपहार, दान, चिकित्सा आदि तरीकों से बाहर भेजी गई क्योंकि इन रास्तों से धन भेजने पर टैक्स में छूट मिलती है।
मोदी सरकार सरकार आने के बाद इसमें इसमें बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने अपने शुरूआती समय में ही विदेशों को धन भेजने की योजना से राशि सीमा सवा लाख डॉलर तक कर दी।
26 मई 2015 को मोदी सरकार ने इसकी सीमा और आगे बढाकर ढाई लाख डॉलर कर दी। मोदी सरकार आने के बाद भारत से विदशों में भेजी जाने वाली राशि में 130 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीँ मनमोहन के दौर में साल 2013 में इन रास्तों से विदेश भेजी जाने वाली राशि 10,400 करोड़ थी। यह राशि 2015 -16 में बढ़कर 30 हजार करोड़ रूपये हो गई।