नई दिल्ली : लगता है वर्तमान समय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के काम से केंद्र की मोदी सरकार बेहद खुश है इसीलिए ईडी के डायरेक्टर करनैल सिंह के कार्यकाल को सरकार ने फिर 6 महीने और बढ़ा दिया है। 1984 के बैच के आईपीएस अधिकारी करनैल सिंह को सरकार की कमेटी ने ये लगातार तीसरा एक्सटेंशन दिया है।
नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा राहुल गांधी और सोनिया गाँधी को क्लीन चिट देने के बाद 19 अगस्त 2015 को राजन कटोच की जगह करनैल सिंह को ईडी का डाइरेक्टर बनाया गया था। वर्तमान समय में ईडी का सबसे महत्वपूर्ण काम काले धन, हवाला कारोबार, प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) जैसे मामलों की जाँच करना है।
इन पर की ईडी ने छापेमारी
सीबीआई के बाद ईडी जैसी संस्थाओं पर आरोप लगते रहे हैं वह सरकार के इशारों पर काम करती रही है। गौर करें तो ईडी ने इस दौर में सोनिया गाँधी के दामाद रोबर्ट वाड्रा, हिमाचल के कांग्रेसी सीएम वीरभद्र सिंह, गुजरात कांग्रेस के नेता शंकर सिंह वाघेला और पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों पर छापेमारी की थी।
हेराल्ड मामले पर मिला था चार्ज - ऐसा भी नहीं है कि करनैल सिंह ऐसे पहले ईडी के डायरेक्टर हैं जिन्हें एक्सटेंशन दिया गया इससे पहले मोदी सरकार ने ईडी के पूर्व डायरेक्टर राजन एस. कटोच को भी एक्स्टेंशन दिया था। क्योंकि वो बहुत अच्छा काम कर रहे थे। लेकिन जैसे ही ईडी डायरेक्टर कटोच ने नेशनल हेराल्ड केस को बंद किया उसके तुरंत बाद उनके कार्यकाल के तीन महीने पहले ही सरकार ने उन्हें हटाकर करनैल सिंह को ईडी का नया डायरेक्टर बना दिया।
जबकि ईडी डायरेक्टर कटोच का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होना था। ईडी के नए डायरेक्टर ने अपने ही विभाग के पूर्व डायरेक्टर कटोच की राय को ख़ारिज कर एक बार फिर से नेशनल हेराल्ड मामले की फाइल को रि-ओपन करने का फैसला कर दिया।