नई दिल्लीः सिंधू....सिंधू...सिंधू। हर जुबान पर सिंधू। टेलीविजन खोलिए तो सिंधू-रेडियो खोलिए तो सिंधू। फेसबुक, ट्विटर देखिए तो भी सिंधू। हर तरफ बस सिंधू ही सिंधू। मौजूदा तारीख मे महज 21 साल की उम्र में देश की सबसे बड़ी स्टार कह लीजिए। पीटी ऊषा, मैरी कॉम जैसी हस्तियों की जमात में अगर आज पीवी सिंधू को खड़े होने का मौका मिला है तो उसकी भी वजह है। खुशनसीबी रही कि उन्हें एक ऐसा तपस्वी पिता मिला, जिसने कभी घर की इज्जत की फर्जी दुहाई देकर बेटी के पैर में बेड़ी नहीं बांधी। बल्कि खेल ों की दुनिया में उड़ान भरने का पूरा मौका दिया। जहां कभी बेटी के कदम ठिठके भी तो खुद पिता सामने आकर आवाज देते-बेटी तू न रुक न जाना कहीं हिम्मत हार के....
ओलंपिक की तैयारी के लिए आठ महीने की ली छुट्टी
पीवी सिंधू के पिता पीवी रमन्ना पिछले आठ महीने से रेलवे से छुट्टी लिए रहे। सिर्फ इसलिए कि उनकी बेटी को किसी चीज की कमी हो तो उसे परेशान न होना पड़ा। घर से पुलेला गोपीचंद एकेडमी तक आने-जाने में वे साथ निभा सके। सिर्फ बेटी की ओलंपिक तैयारियों के लिए आठ महीने का समय समर्पित करना एक मिसाल है। बच्चों को आगे बढ़ने के लिए एक पिता का यह समर्पण दूसरों के लिए भी नजीर है।
मां ने घर पर रखा पूरा ध्यान
पिता ने जहां नौकरी छोड़कर सिंधू की बाहरी जरूरतों का ख्याल रखा तो मां विजया रमन्ना ने घर पर हर छोटी-बड़ी जरूरत पूरी की। समय से सोने-समय से उठने और फिर प्रैक्टिस के लिए तैयार होने की जिम्मेदारी में मां ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। तब जाकर सिंधू शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो सकीं।
पिता-बेटी दोनों पा चुके हैं अर्जुन अवार्ड
खास बात है कि सिंधू के परिवार में दो अर्जन पुरस्कार मिल चुका है। सबसे पहले उनके पिता को वॉलीबाल के लिए मिला तो बाद में पिछली बार सिंधू को बैडमिंटन में। सिंधू की मां विजया और पिता पीवी रमन्ना भारत के लिए वॉलीबाल खेल चुके हैं।
खास बातें
सिंधू हमेशा गोपीचंद के साथ डिनर करती है। ताकि फिटनेस के लिए परहेज वाली चीजें सिंधू चोरी से न खा सके
हमेशा रात दो बजे उठ जाती है। ताकि सुबह की प्रैक्टिस के लिए खूब समय दिया जा सके
ओलंपिक नजदीक होने पर तैयारियों के दौरान पुलेला ने सिंधू को मोबाइल का नहीं करने दिया इस्तेमाल
हर दिन में कम से कम 60 मिनट सिंधू अपने पुराने मुकाबले की समीक्षा में खर्च करती हैं