दिल्ली : पाकिस्तान से बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने सेना के साथ-साथ अब सेना को साजो सामान की सप्लाई करने वाली कंपनियों को भी हाई अलर्ट पर रहने का अल्टीमेटम दे दिया है. इसके तहत शॉर्ट नोटिस पर ही इन कंपनियों को सेना के लिए सप्लाई करनी होगी. इसमें हथियारों की आपूर्ति, गोला-बारूद की आपूर्ति भी शामिल है.
इसमें साफ कहा गया है कि किसी भी चीज में गड़बड़ी होने पर उसको तुरंत बदलने और उसकी जगह दूसरी मुहैया कराने के लिए कंपनियों को तत्पर रहना होगा. इसके लिए किसी भी तरह से कंपनियों को अधिक समय नहीं दिया जाएगा बल्कि यह सब शॉट नोटिस पर होगा.
पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते भारत सरकार किसी भी स्थिति में खुद को मजबूत करने के लिहाज से यह सब कर रही है. पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भी दोनों देशों के बीच इसी तरह की तल्खी देखी गई थी. उस वक्त भी भारत सरकार ने इस तरह की कवायद की थी.
अपने को सुदृढ करने के मकसद से रक्षा मंत्रालय ने छोटे हथियार, गोला-बारूद और हथियारों के स्पेयर पार्ट्स, सुखोई और मिराज विमानों के लिए हथियारों की आपूर्ति को प्राथमिकता से लिया है. इसका संकेत खुद वित्त मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक से ठीक पहले रक्षा बजट को बढ़ा कर दे दिया था.
इसी दौरान रक्षा मंत्रालय की खरीद इकाई ने 1900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी थी. इसमें जम्मू कश्मीर के लिए 330 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सिस्टम की खरीद के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में सेना के लिए जैमर और अन्य सुरक्षा प्रणालियों की खरीद करने का फैसला किया गया था. इसके अलावा सेना के प्रशिक्षण के मकसद से 405 करोड़ रुपए के एंटी टैंक गाइडेड हथियारों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी.