नई दिल्ली : 11वें सिविल सर्विसेज डे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आज अफसरों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा मुझे अफसरों की जिम्मेदारियों के बारे में पता है, यह प्रत्योगिता का दौर है, इसलिए चुनौती भी ज्यादा बड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा अगर आप काम करने के तरीके बदलेंगे तो चुनौती भी अवसर में बदल जाएगी। इससे एक दिन पहले गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने ब्यूरोक्रेट्स को सम्बोधित किया।
केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह से मुलाकात के दौरान एक सीनियर ब्यूरोक्रेट्स ने सरकार पर ही कई सवाल दागे। इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में सेक्रेटरी अरुणा सुन्दर राजन ने पूछा कि उन्हें फंड खर्च करने वाले अफसर चाहिए या समस्याएं हल करने वाले ?
अफसर ने कहा कि ''मुझे नहीं पता कि हम सरकार में समस्याओं का हल निकालने वाले अधिकारियों को रखने की इच्छा रखते हैं, एकमात्र अपेक्षा बजट का फंड ख़त्म करने की रहती है। आंकलन इस पर होता है कि किसने कितना फंड खर्च किया।
इस पर किसी का ध्यान नहीं रहता है कि कोई समस्या किसी ने सुलझाई भी या नहीं। अफसर ने सवाल उठाया कि ऐसे में वह कैसे इनोवेशन या नया काम कर सकते हैं। सुंदरराजन ने कहा कि अफसरों को छोटी सी गलती की भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है''।
डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल ट्रेनिंग के सेक्रेटरी बीपी शर्मा ने पूरे एनुअल कॉन्फिडेंशियल अप्रेजल रिपोर्ट (APAR) की उपयोगिता पर सवाल खड़े किये। केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह से एक अफसर ने सेक्रेटी के जल्द ट्राँसफर पर भी सवाल खड़े किये।