जमशेदपुर : झारखंड में भाजपा और मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ती मोर्चा में ठन गई है . इसके पीछे मुख्यमंत्री रघुवर दास कि ओर से शिबू सोरने और हेंमत सोरेन खिलाफ बयानबाजी है. पिछले दिनों दुमका में कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था कि कब तक लोग शिबू सोरेन को ढोएंगे. झामुमो ने इसका विरोध किया है. पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह सरायकेला विधायक चंपई सोरेन ने कहा भाजपा के आदिवासी मूलवासी एमएलए कब तक बाहरी सीएम को ढोएंगे. रघुवर दास यहां पेट चलाने आए थे. छत्तीसगढ़ से बोरा में रुपया नहीं लाए. लिट्टीपाड़ा के उप चुनाव में खुद बूथ कमेटी बनाए. बूथ कमेटी को एक दिन का चुनाव खर्च 10 दस हजार रुपए दिए गए. फिर भी हार गए. यह बातें सुवर्णरेखा गेस्टहाउस में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में चंपई सोरेन ने कहीं. बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बुजुर्ग का सम्मन करना सीखें. शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के पुरोधा है.
CM रघुवर दास अपने को शिबू सोरने का बेटा बताते है और आज बोझ समझते हैं
सीएम रघुवर ने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को कब तक ढोओंगे, अब तक मुक्ति पाने की जरुरत है . सीएम मो कहा कि सांसद रिश्र्वत कांड में तीन करोड़ रुपए लेकर शिबू सोरेन ने खुद को बचे दिया था. हेमंत सोरेन लुटेरा और डकैत है इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया हुई . पहले हेंमत सोरेन ने अपना गुस्सा निकालते हुए कहा कि उन्हें रघुवर दास की सोच पर ही तरस आती है वे कभी खुद को शिबू सोरेन का बेटा बताते हैं तो कभी उनसे आर्शीवाद लेने आते हैं. कभी उनमें राजनीति क गुरु दिख जाता है. कुछ महिने पहले वे एसे कड़वे वजन निकाल रहे है जिसपर प्रतिक्रिया देने की भी मन नहीं होता है .