नई दिल्लीः जनसत्ता से हटने के बाद सोशल मीडिया पर सोसाबाजी कर रहे वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी क्या मोदी विरोध में भाजपा और भारत के बीच फर्क भूल गए हैं। यह सवाल तब मौजूं हो उठता है जब समूचा विपक्ष चाहे कांग्रेस से सोनिया-राहुल हों या फिर 24 घंटे में 48 बार मोदी को कोसने वाले आप मुखिया केजरीवाल। सब सर्जिकल स्ट्राइक पर भारतीय सेना के साथ खड़े होकर मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं। यहां तक कि बड़ा खुलासा करने का दावा करने वाले केजरीवाल भी कुछ समय के लिए अपना इरादा इस नाते छोड़ देते हैं ताकि इससे सीमा की चुनौती से जूझ रही केंद्र सरकार को दिक्कत न हो। मगर देश के वरिष्ठ पत्रकार थानवी यहां भी एजेंडा सेट करते दिखते हैं। विपक्षी नेता अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कहते हैं कि यह राजनीति करने का नहीं देश के साथ खड़े होने का वक्त है, तब पत्रकार थानवी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर नुक्ताचीनी करने में जुटे हैं। मोदी विरोध में मानो नफरत की एलओसी पार कर गए हों। जिस पर सोशल मीडिया पर ही उन्हें करारा जवाब मिल रहा है। थानवी से सवाल हो रहा-जब सीमा पार से आए आतंकियों की ओर से आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26/11 का हमला हुआ था तब कब जवाब में पीएम मनमोहन सिंह ने पाक में कोई सर्जिकल स्ट्राइक कराई जिसमें 50 आतंकी मारे गए हों । जैसा कि थानवी कह रहे हैं कि कह रहे हैं कि सर्जिकल आपरेशन तो आम बात है, हमेशा होता आया है।
पूर्व सेना प्रमुख का एडिट वीडियो पोस्ट कर मतलब की बात कह रहे थानवी
दरअसल ओम थानवी बौद्धिक बेईमानी भरा एक फेसबुक पोस्ट शेयर किए हैं। जिसमें उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख का एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू का एक वीडियो लगाया है। मगर यह वीडियो एडिट किया हुआ है। इसमें जिन लाइनों में इस बार के सर्जिकल स्ट्राइक के तौर-तरीकों और इसको लेकर राजनीतिक फैसले की सराहना हुई है, उसे निकाल दिया गया है, इसमें सेना प्रमुख की पूरी बात सुनाने के बजाए संदर्भ से हटकर कुछ लाइन ही रखी गई है, बाकी पूर्व सेना प्रमुख की बात हटा दी गई है।मतलब के लिए इन लाइनों को वीडियो में रखा गया है। जिसमें पूर्व सेना प्रमुख कह रहे हैं कि पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक की कोशिश हो चुकी है। जबकि पूर्व सेना प्रमुख का कहना है कि पहली बार इतनी बड़ी राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखी तब जाकर सर्जिकल स्ट्राइक हो सकी।
ओम थानवी लिखते हैं...
'पहली बार पहली बार को' फिर जुमला बनाकर उछालने वाले, सेना की शौर्यपूर्ण कार्रवाई के बीच राजनेताओं में शेर और देवताओं की प्रतिमाएं खोजने-उकेरने वाले भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह को जरा गौर से सुनें। उन्होंने कहा-ईमानदारी से बताता हूं कि किस तरह के ऑपरेशन हम नियंत्रण रेखा पर पहले भी कर चुके हैं, पार जा चुके हैं। तब इतना कूदना काहे का, जोशीलो ?