नई दिल्ली : मोदी की नोटबंदी को लेकर सरकार ही नहीं अब तो बीजेपी सांसद भी नराज दिखाई दे रहे हैं. भले ही वह पीएम से इस बाबत कुछ न कह रहे हों, लेकिन भीतर ही भीतर वह जनता की परेशानी को लेकर चिंतित होते साफ नजर आ रहे हैं. यहां तक कि कई राज्यों में हुई बैठक में बीजेपी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए अफ़सोस जाहिर किया है.
अर्थव्यवस्था पर बुरे असर से बढ़ा गुस्सा
दरअसल शुरू में नोटबंदी को लेकर बीजेपी नेताओं में जो उत्साह दिखाई दे रहा था. वह अब खत्म हो गया है. दरअसल बैंकों में नकदी की कमी, एटीएम के बाहर लंबी लाइनों, स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बुरे असर के चलते गुस्सा बढ़ रहा है. जिसके चलते नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार से नाराज हुई जनता को लेकर बीजेपी के सांसदों की हवा निकलते दिखाई दे रही है. दरअसल नकदी की कमी के चलते लोगों की नाराजगी और गुस्से ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.
नोटबंदी को लेकर उत्साह हुआ खत्म
'इंडियन एक्सप्रेस' कि एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के पांच सांसदों ने भी इस बात को माना है. इतना ही नहीं वे इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि
मजदूरों, बुनकरों, सब्जी बेचने वालों, छोटे दुकानदारों और छोटे उद्योग धंधों को नकदी की कमी के चलते समस्याएं बढ़ गयीं हैं. यही नहीं जमीनी हकीकत यह है कि अन्य सेक्टर्स में नौकरियों की कमी सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है. इस रिपोर्ट में बीजेपी के पांच सांसदों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले पर शुरुआती उत्साह के बाद अब साफ नाराजगी दिख रही है.
नोटबंदी को लेकर बीजेपी में बढ़ी चिंताएं
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कि अलग-अलग राज्यों के पार्टी नेताओं ने नोटबंदी की प्रक्रिया को लेकर अंदरूनी बैठकों में चिंताएं जाहिर की हैं. विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं में ज्यादा खलबली है. गौरतलब है कि यूपी में 2017 में चुनाव होने हैं. इसके चलते नेतृत्व ने कुछ समय तक इंतजार करने और फिर उसके मुताबिक चुनाव की रणनीति तय करने का फैसला किया है. एक सांसद ने बताया कि ताजा बयान कि नोटबंदी से डिजीटल इकॉनॉमी का रास्ता खुलेगा, यह चुनाव में नहीं बिकने वाला. फिलहाल अभी तक तो बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसे मुद्दे ही अनसुलझे हैं. हम दुकानदार या छोटे कारोबारी को डिजीटल होने को कैसे कह सकते हैं ?
बीजेपी की नहीं टूटी है उम्मीद
हालांकि बीजेपी उम्मीद बनाए हुए है और प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता और लोगों के उनमें भरोसे के सहारे है. यूपी के एक अन्य बीजेपी नेता कि मानें तो जनता का भरोसा अभी भी मोदी से उठा नहीं है. वे भाजपा में विश्वास तो नहीं करते, लेकिन नरेंद्र मोदी पर उनको पूरा भरोसा है. कई सांसदों से वापस लिए गए नोटों के फिर से चलाए जाने की रिपोर्ट ने भी निराश किया है. सांसदों ने बताया कि शुरुआत में कहा गया था कि जो पैसा आएगा वो लोगों की भलाई में लगाया जाएगा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा.
जनता के सब्र का बांध टूटा
एक सांसद के मुताबिक आम जनता ने इस फैसले का स्वागत किया. उन्हें उम्मीद थी कि इससे जीवन आरामदायक बनेगा. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब इसके पलट स्थिति है. बहरहाल जनता कि बढ़ रही समस्यों को लेकर अब पार्टी नेतृत्व ने सांसदों और राज्य नेताओं से इंतजार करने व डिजीटल बैंकिंग का प्रचार करने को कहा है. उन्हें किसानों व कारोबारियों के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाने को कहा गया है.