🌷🌹"हैप्पी धन तेरस"🌹🌷
जब किसी बच्चे को अपने पिता के समय की आवश्यकता होती है और पिता अपना मोबाइल दूर रखता है, टीवी बंद कर देता है या खुद को व्यस्त कार्यक्रम से अलग कर देता है और बच्चे को अपना 100 प्रतिशत देता है, तो वह क्षण बच्चे के लिए धन है। जब शादी के 20 साल बाद भी पति अपनी पत्नी को 'आई लव यू' कहता है और पूरी ईमानदारी, लग्न और समर्पण के साथ उसकी सराहना करता है तो वो पल पत्नी के लिए धन है। जब माता-पिता बूढ़े हो जाते हैं और उन्हें अपने बच्चों से ध्यान, संगति, प्यार और करुणा की आवश्यकता होती है और जब उन्हें यह मिल जाता है, तो वे क्षण माता-पिता के लिए धन होते हैं। आप स्वयं शांत, सुखी, प्रेम, शांति, सद्भाव, धैर्य, संतोष और समृद्धि वाले हों, जिससे परिवार को आपके व्यवहार, मूल्यों और चरित्र पर गर्व महसूस हो, तो ऐसे सभी क्षण आपके लिए धन्य हैं।
सभी का जीवन और दुनिया ऐसे सभी धन से परिपूर्ण हो जो हमारे जीवन को वास्तव में जीने लायक बनाता है।
"धनतेरस यानी कि:
धन - धन्य है
ते - तेरा
रस - रस दिव्यता से परिपूर्ण"
जिन्होंने भी ज्ञान रूपी ये दिव्यरस पिया है, वे हरपल इस निरंकार का धन्यवाद करते हैं, सत्गुरू को धन्यवाद करते हैं क्योंकि सत्गुरू के अलावा और कोई ऐसा नहीं है जो इस रस का पान करा सके, इसलिए हर पल हर छिन एक गुरसिख अपने सत्गुरू का धन्यवाद करते हुए हरपल ही धनतेरस मनाता है। क्योंकि वह हरपल इस दिव्यरस का पान कर रहा होता है। इस भक्ति और ज्ञान रूपी रस को पीने के बाद धन्यवाद ही बनता है, कुछ और नहीं। इसलिए आप सभी ब्रह्मज्ञानी जनों के चरणों में
"धन्य तेरा रस"
यानी कि धनतेरस ।।
शुभ धनतेरस!
🙏🌺धन निरंकार जी🌺🙏