लखनऊ : योगी आदित्य नाथ,मुख्य मंत्री द्वारा औचक निरीक्षण करे जाने से अधिकारियो की नींद हराम कर दी है। 18 से 20 घण्टे काम करने की घोषणा से कोई भी अधिकारी चैन की नींद नहीं सो पा रहा है।ऐसा ही कुछ हुआ चिकित्सा निदेशक डा0 एच अस दानू के साथ, मुख्यमंत्री योगी औचक निरीक्षण के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल न पहुँच जाये इस डर से बिना नीद पूरी किये प्रातः 3-30 बजे, मुख्यमंत्री आवास से 500 मीटर पर स्थित श्याम प्रसाद मुख़र्जी अस्पताल(सिविल हॉस्पिटल) पहुँच गये।
श्याम प्रसाद मुखर्जी अस्पताल का जो नज़ारा था,उससे तो कोई बचा नहीं सकता। वीवीआईपी अस्पताल कहे जाने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल हॉस्पिटल ) में इमरजेंसी से लेकर वार्डों तक में डॉक्टर्स, नर्सें और सफाई कर्मचारी सब सोते हुए मिले। डा0 दानू ने नाराज़ होते हुए सोये हुए कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाते हुए कार्यवाही की चेतावनी दी।
अस्पताल में इमरजेंसी समेत वार्डो में स्टाफ नर्स व सफाई कर्मचारियों को गहरी नींद में पाकर दंग रह गये, उन्होंने 3.45 से 5.30 बजे तक अधिकांश वार्डो में न केवल स्टाफ नर्स व कर्मचारियों को जगाकर फटकार लगाई बल्कि मरीज के इलाज में बरती जा रही लापरवाही की दशा देखकर सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दे डाली।
निदेशक ने पुरानी बिल्डिंग से निरीक्षण की शुरुआत की, मेडिसिन व ऑर्थोपैडिक वार्डो को उन्होंने वार्ड ब्वॉय को नींद से उठाकर खुलवाया। निदेशक ने वहां मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही पायी, किसी मरीज के खाली बोतल लटकी थी लेकिन विगो बंद नहीं किया गया था,किसी में विगो निकल चुका था, वार्डों में गंदगी साफ़ नही की गई थी। इन वार्डो में स्टाफ नर्स अपने कमरों में सो रहीं थी। डॉ.दानू ने स्टाफ नर्सो को नींद से उठाया और जमकर लताड़ लगाई, सख्त लहजे में कहा कि दोबारा नींद में मिलीं तो दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी। सफाई कर्मचारियों के साथ ही उनके सुपरवाइजर को भी जगाकर, व्याप्त गंदगी को लेकर फटकार लगाई और तत्काल सफाई कराने के साथ ही रोजाना सुबह ओपीडी शुरू होने के पहले पूरे अस्पताल को साफ करने के निर्देश भी दिये। निदेशक ने इसके बाद सर्जरी विभाग के वार्डो का भी दौरा किया, यही हाल सर्जरी बिभाग के वार्डो में भी देखने को मिला। इसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, जहाँ एक ही डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था, जबकि दूसरे डॉक्टर कमरें सो रहे थे। निदेशक ने उन्हें भी ड्यूटी के दौरान मुस्तैद रहने की सलाह दी।
औचक निरीक्षण और सफाई कर्मचारियों को सक्रिय करने का परिणाम यह था कि गुरुवार सुबह ओपीडी शुरू होने के पहले ही पूरा अस्पताल साफ सुथरा हो चुका था। सफाई सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि रोजाना समय से सफाई की जाये। उन्होंने बताया कि नर्सेस को निर्देश हो चुके हैं, कि रात में मरीजों की बोतल खत्म होते ही बोतल को निकाल दे, सुबह इंजेक्शन आदि समय पर लगना सुनिश्चित करे ताकि सुबह की सफाई के दौरान रात का वेस्टज पूर्णतया बाहर हो जाये।
डॉ. दानू ने बताया कि खून की जांच के लिए मरीजों को अब दो जगह लाइन नहीं लगानी पडेग़ी। इसके लिए अस्पताल में डिजिटल ऑटोमैटिक टोकन मशीन लगाई गई है। आज उसका ट्रायल हुआ है, शुक्रवार को सिस्टम में लागू कर दिया जायेगा। उक्त सुविधा में, मरीज द्वारा मशीन में यथास्थान प्रेस करने पर ही टोकन नंबर की स्लिप मिल जायेगी, नंबर आने पर सैंपल लेने के लिए पैथोलॉजी से बुलाया जायेगा।