लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री एवं (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार)ने सयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा यह निर्देश दिये कि मरीजों के इलाज, दवाओं की खरीद, कार्मिकों की भर्तियों तथा चिकित्सकों के स्थानान्तरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर संबंधित को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित प्रोफार्मा में प्रतिदिन अपनी प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अस्पतालों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को दी चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य मंत्री स्वास्थ्य ने आज योजना भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलीय अपर निदेशकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सकों को स्पष्ट रूप से सचेत किया कि वे अपने तैनानी स्थल पर रहना सुनिश्चित करें। अधिकांश चिकित्सकों के तैनाती वाले जनपदों में न रहने से मरीजों को काफी परेशानी होती है। गम्भीर रोग के मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। उन्होंने प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम को अभियान के रूप में संचालित करने पर बल देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।
सुचारु रूप से चलायें ओपीडी
श्री सिंह ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय ऑडिट प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। अब किसी भी स्तर पर चिकित्सालयों में लापरवाही, उदासीनता और भ्रष्ट आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ जनपदों में ओपीडी नियमित रूप संचालित नहीं हो रही है और कतिपय जनपदों में ओपीडी में पहले की भांति मरीज नहीं आ रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। संबंधित अधिकारी इस ओर विशेष ध्यान दें तथा ओपीडी को सुचारु रूप से क्रियान्वित करना सुनिश्चित करे। सभी अस्पतालों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध रहने चाहिए, जिन अस्पतालों में उपकरणों की जरूरत है, उसकी सूची तत्काल बनाकर भेजी जाए।
बिना देखे मरीज को दूसरे अस्पतालों को रेफर न करें
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को अधिक से अधिक बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता में है। प्रदेश के कई चिकित्सालयों में आने वाले गम्भीर/आकस्मिक मरीजों को बिना देखे ही, अन्यत्र चिकित्सालयों मे रेफर कर दिया जाता है। रात्रि में आने वाले मरीजों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। चिकित्सक इस व्यवस्था में सुधार लाये तथा बिना उचित कारण मरीजों को रेफर न करें। यह भी निर्देश दिए कि वे जल्द ही प्रदेश के सभी चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा जिसमे किसी प्रकार की कमी पाई जाती हैया कोई शिकायत मिलती है, अस्पताल के उपकरण ठीक हालत में नहीं मिलते है, अस्पतालों में साफ-साफाई की व्यवस्था चाक-चौबंद नहीं है, चिकित्सक समय से अस्पताल में नहीं आते है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
एम्बुलेंस सेवा की नियमित मॉनीटरिंग करें
‘102’ तथा ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की नियमित रूप से मॉनीटरिंग किये जाने के भी निर्देश दिए गये। एम्बुलेंस मरीजों तक समय से नहीं पहुंचती है, तो संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। प्रदेश सरकार आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को बेहतर और नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रति वचनबद्ध है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा, सचिव, आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदमाकर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित थे।