लखनऊः मुख्यमंत्री के फरमान और बार-बार दिशा निर्देश के बावजूद 100 से अधिक IAS अफसरों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया। इस बीच सभी विभागों के प्रमुख सचिव को ब्योरे के साथ मुख्य सचिव ने तलब जरूर किया लेकिन बैठक हो नहीं सकी।
ऐसा लगता है कि स्वम मुख्य सचिव भी इस कार्य मे रुचि नही ले रहे है। फिलहाल मुख्य सचिव के स्तर पर यह तय नहीं हो सका है कि आगे क्या कार्यवाही की जाए।
सरकार ने IAS अफसरों से 15 दिन अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा था। बाद में मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी। तारीख बढ़ाने के बाद भी करीब सवा सौ IAS ने अपनी चल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया। इसके बाद तीन मई को मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव नियुक्ति के जरिए सभी विभागों के प्रमुख सचिवों की एक बैठक बुलाई लेकिन, यह बैठक नहीं हो सकी।
इसके बाद अगले दिन पर बैठक टाली गई। न तो अफसरों की बैठक हो सकी और न ही इस बारे में कोई निर्णायक फैसला हुआ।ऐसा प्रतीत होता है कि जबतक कोई कठोर निर्णय नही लिया जाएगा तबतक अनसुनी करने वाले अधिकारियों से ब्यौरा मिलना संभव नही होगा क्योंकि शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद IAS अफसरों पर कोई असर नहीं हुआ।