नई दिल्लीः प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव रहते शुगर लॉबी को इतना फायदा पहुंचाया कि सत्ता और शासन के गलियारे में उनका नाम शुगर डैडी पड़ गया। नई सरकार आने पर मुख्य सचिव की कुर्सी हिलने की आस सब संजोए बैठे थे। मगर यह क्या, दो माह बीतने को हैं और योगी सरकार तो मेहरबान दिख रही। वो भी तब, जबकि
भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी मे जिलों से लेकर लगभग पूरे सचिवालय की ओवरहालिंग हो गई। यहां तक कि डीजीपी भी बदल गए, मगर क्यों नहीं हिली मुख्य सचिव राहुल भटनागर की कुर्सी । जबकि नौकरशाही का सबसे शीर्ष पद यही है। आखिर राज क्या है। जब कारणों की तफ्तीश हुई तो पता चला कि भाजपा के एक बड़े नेता की कृपा बरसने से भटनाकर की कुर्सी अब तक सही-सलामत है। यह नेता संघ के भी करीबी हैं। कहा जा रहा कि 1983 बैच के आइएएस राहुल भटनागर ने दूर का रिश्ता उनसे खोज निकाला। जिसके बाद इस बड़े भाजपा नेता की पैरवी के कारण राहुल कुर्सी बचाने में फिलहाल सफल हैं। यह मामला न केवल नौकरशाही बल्कि सियासी गलियारे में चर्चा-ए-खास है।
मसला यह नहीं है कि बड़े नेता की सरपरस्ती के चलते भटनागर अब तक मुख्य सचिव बने हैं, मसला यह है कि शुगर माफियाओं को अरबों का फायदा पहुंचाकर शुगर डैडी के नाम से चर्चित इस आइएएस अफसर को न हटाकर योगी सरकार आखिर क्या संदेश देना चाहती है। क्या योगी को मुख्य सचिव के लिए दूसरा कोई अफसर नहीं मिल रहा है। जो अखिलेश राज में शुगर लॉबी के दबाव में नियुक्ति पाए इस अफसर को ही मुख्य सचिव बनाए रखा गया है।
क्यों शुगर डैडी कहे जाते हैं राहुल भटनागर
अखिलेश सरकार में प्रमुख सचिव चीनी रहते हुए राहुल भटनागर ने चीनी मिलों का करीब दो हजार करोड़ का ब्याज माफ करवा दिया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने बीती 9 मार्च 2016 को पूर्ववर्ती सरकार के ब्याज माफी के फैसले को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि इस मुद्दे पर चार माह में किसानों के नेता वी.एम. सिंह के तर्कों को सुनकर फैसला करे। जबकि उस दौरान किसानों का बकाया भुगतान के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया। इससे राहुल भटनागर की शुगर लॉबी से नजदीकियां साफ जाहिर होती हैं। राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन के अध्यक्ष वी.एम. सिंह आरोप लगाते हैं कि प्रमुख सचिव की नीतियों के चलते गन्ना किसान भूखे मरने के कगार पर आ गए। चीनी मिल मालिकों पर तो रहम किया गया, मगर कर्जदार गन्ना किसानों पर सितम। शुगर लॉबी के प्रभाव में आकर हमेशा राहुल भटनागर ने बतौर मुख्य सचिव शुगर लॉबी को इनाम दिया।
राहुल भटनागर पर इसलिए भी शुगर लॉबी के लिए काम करने के आरोप लगते हैं कि एक बार घुसपैठ के बाद से वे यूपी राज्य चीनी निगम में कुंडली मार बैठे। 2005 से यह सिलसिला अब तक जारी है। यहां तक 13 सितंबर 2016 को मुख्य सचिव बनने के बाद भी प्रमुख सचिव चीना का पद नहीं छोड़ा। इससे महकमे में विशेष रुचि पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
योगी सरकार में भी काम संतोषजनक नहीं
सरकार में शामिल एक बड़े नेता ने इंडिया संवाद को बताया कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य सचिव राहुल भटनागर के कामकाज से खुश नहीं हैं। वजह कि कई समीक्षा बैठकों में लिए गए फैसले ठीक से सूबे में लागू नहीं कराए जा सके। जिससे योजनाओं को लागू करने में देरी हो रही है। वहीं जिस तरह से चीनी मिलों के ब्याज को माफ करने में भूमिका निभाई, उससे पहले भी योगी नाराज रहे। राहुल भटनागर को पहले से पता था कि योगी देर-सबेर उन्हें पद से विदा कर देंगे, यह देख पहले भाजपा के केंद्रीय नेताओं के यहां संपर्क साधने की कोशिश की , मगर नतीजा नहीं निकला तो फिर प्रदेश में बड़ी भूमिका निभा रहे नेता का पैर छूकर रिश्ता साध लिया। अब यही नेता योगी पर राहुल भटनागर को पद पर नाए रखने का दबाव डाल रहे हैं। ऐसा कुछ भाजपा नेताओं का कहना है।