
लखनऊ : एलडीए में सालों से चल रहा फर्जी रजिस्ट्री का स्कैंडल अभी थमा नहीं है. यही नहीं हर बात की जानकारी होने के बावजूद एलडीए के अफसर और बाबुओं की सांठगांठ के चलते मोटी रकम लेकर भूखण्डों और मकानों की रजिस्ट्रियां कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि आशियाना थाने की पुलिस ने आज मृतक आवंटी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर उसकी प्रापर्टी की रजिस्ट्री कराने के मामले में शामिल दो गवाहों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बताया जाता है कि पिछले साल मई माह में इस मामले का मुकदमा दर्ज कराया गया था.
आशियाना थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
गौरतलब है कि जिस फर्जीवाड़े में आशियाना पुलिस ने दो गवाहों को जेल भेजा है. उस भूखण्ड की रजिस्ट्री किसी और ने नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट के हस्ताक्षर से की गयी है. बताया जाता है की पिछली सरकार में मुलायम की समधन ने एलडीए के बाबुओं से सांठगांठ कर ऐसे तमाम भूखण्डों की रजिस्ट्री नियम-कानून ताक पर रखकर कर डाली है. 'इंडिया संवाद' ने जब आशियाना थाने में पिछले साल दर्ज किये गए इस मुकदमे की जाँच कर रहे जाँच अधिकारी आरपी शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस फर्जी रजिस्ट्री मामले में शारदा नगर योजना के सहायक विवेक आनंद अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. फरार बाबू की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं.
मुलायम की समधन भी शामिल
दरअसल यह पूरा मामला एलडीए की शारदा नगर योजना के भूखण्ड संख्या- 1 / 88 रश्मिखण्ड का है. बताया जाता है की एलडीए के योजना सहायक विवेक आनंद और सयुंक्त सचिव अंबी बिष्ट से सांठगांठ कर इस भूखंड की फर्जीढंग से रजिस्ट्री कर दी गयी. हालाँकि पुलिस ने अभी तक पहुँच वाली एलडीए की संयुक्त सचिव अंबी बिष्ट से अभी तक इस मामले में कोई पूछताक्ष नहीं की है. समझा जाता है कि शायद पुलिस ने अभी तक सपा सरकार के दबाव में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये थे. फिलहाल पुलिस अंबी बिष्ट को भी इस मामले में दोषी मान रही है.