नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े राजनैतिक घराने मुलायम सिंह यादव के घर में जिस दौलत को लेकर सौतेली माँ साधना गुप्ता कैकेई बन गयीं उस दौलत के असली उत्तराधिकारी तो सीएम अखिलेश ही हैं. दरअसल प्रतीक यादव मुलायम की संतान ही नहीं हैं. हां मुलायम प्रतीक के अभिवावक रहे हैं और दूसरी शादी करने के बाद अपना सरनेम जरूर दिया है.
मुलायम ने प्रतीक को अपना नाम दिया
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट PE - 2 (A)/ 2007 / ACU - IV / CBI / NEW DELHI के मुताबिक मुलायम सिंह यादव की आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिस प्रतीक को मुलायम ने अपने बेटे के रूप में अपनाया वह मुलायम सिंह का पुत्र ही नहीं है. बल्कि वह तो साधना गुप्ता के पहले पति चन्द्र प्रकाश गुप्ता का पुत्र है, जो यूपी के फर्रुखाबाद जिले के रहने वाले हैं. सीबीआई की जांच रिपोर्ट के पैराग्राफ - 7 के मुताबिक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का जन्म साल 1962 में औरेया जिले के विदुना में रहने वाले कमलापति के घर में हुआ था.
प्रतीक साधना के पहले पति की संतान
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट PE - 2 (A)/ 2007 / ACU - IV / CBI / NEW DELHI की इस रिपोर्ट के पैराग्राफ -7 के मुताबिक कमलापति की बेटी साधना गुप्ता का विवाह फर्रुखाबाद में रहने वाले चंद्र प्रकाश गुप्ता के साथ 4 जुलाई 1986 को हुआ था. शादी के एक साल बाद 7 जुलाई 1987 को फतेहगढ़ के एक अस्पताल में साधना और चंद्र प्रकाश का एक पुत्र हुआ, जिसका नाम प्रतीक रखा गया. रिपोर्ट में इस बात का उल् लेख किया गया है कि शादी के दो साल बाद 1988 में साधना ने अपने पति को छोड़ दिया और बेटे को साथ लेकर अलग हो गयीं. मामला अदालत की चौखट तक पहुंचा. लेकिन फर्रुखबाद की अदालत से 5 मार्च 1990 को इस पारिवारिक विवाद में तलाक का फैसला सुना दिया.
CBI ने प्रतीक के स्कूल के रिकार्ड भी खंगाले
याचिकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने प्रतीक के स्कूल जाकर तमाम रिकार्ड खंगाले जिसमें प्रतीक की माँ का नाम साधना लिखा हुआ था. इसके बाद सीबीआई को साल 1994 के रिकार्ड खंगालते वक्त एक ऐसा रिकार्ड हाथ लगा, जिसमें प्रतीक यादव के घर का पता मुलायम सिंह यादव के आधिकारिक निवास का पता दर्ज था. सीबीआई के इस स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक साधना गुप्ता के जीवन में मुलायम की एंट्री 1994 में दस्तावेजों पर हो गयी. इसके बाद साल 2000 में प्रतीक के गार्जेन के रूप में मुलायम का नाम स्कूल में दर्ज हुआ और 23 मई 2003 को मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद मुलायम ने उनसे विवाह कर के उन्हें अपनी पत्नी का दर्ज दिया.
गरीब किसान के घर पैदा हुए थे मुलायम
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट PE - 2 (A)/ 2007 / ACU - IV / CBI / NEW DELHI की इस रिपोर्ट के मुताबिक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 में फिरोजाबाद की शिकोहाबाद तहसील के एक गरीब किसान सुधर सिंह के घर हुआ था. उनकी माता का नाम मूर्ति देवी था. तंगहाली से जूझ रहे मुलायम के पिता सुधर सिंह इसके बाद सैफई आकर बस गए. मुलायम के पांच भाई और चार बहनों में परिवार के दूसरे नंबर के बेटे हैं. मुलायम के सबसे बड़े भाई का नाम अभय राम यादव है. जो पेशे से किसान हैं. मुलायम से छोटे भाई रतन सिंह भी किसानी का काम करते हैं. चौथे नंबर के भाई शिवपाल सिंह हैं. इसके अलावा उनके सबसे छोटे भाई राज पाल यादव हैं, जो साल 2006 में यूपी वियर हाउसिंग कारपोरेशन में बाबू थे.
मुलायम के बड़े भाई के बेटे हैं सांसद धर्मेंद्र यादव
मुलायम के सबसे बड़े भाई अभय राम के बेटे मैनपुरी से सांसद धर्मेंद्र यादव हैं. राम गोपाल मुलायम सिंह के चचेरे भाई हैं. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने इस बात का भी खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया है कि मुलायम के बेटे अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को पहली पत्नी मालती देवी के पुत्र हैं. मालती देवी का 23 मई 2003 को देहांत हो गया था. अखिलेश यादव का विवाह 24 नवंबर 1999 को आरसीएस रावत की बेटी डिंपल के साथ हुआ था. फिलहाल मुलायम के खिलाफ अदालत में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की जांच की याचिका दाखिल करने वाले याची व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने 'इंडिया संवाद' को बताया कि उन्हें इस मामले में अभी कोई रहत कोर्ट ने नहीं दी है, बल्कि सीबीआई इस मामले की जांच अभी चल रही है.