नई दिल्ली : यूपी में चाचा-भतीजे की चल रही लड़ाई की आड़ में मुलायम परिवार के लोगों ने अपने पुराने झगड़ों को लेकर एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके चलते समाजवादी पार्टी में पिछले 72 घंटे से भी अधिक समय से चल रहे धारवाहिक की स्क्रिप्ट में लगातार पन्ने जुड़ रहे हैं और नए-नए किरदार सामने आते जा रहे हैं. इसको लेकर ये धारावाहिक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
चाचा-भतीजे की लड़ाई में निपटाए जा रहे है पुराने झगडे
सपा सरकार के कद्दावर नेता आज़म खान ने इस धारावाहिक सीरियल को लीड कर रहे हीरो सीएम अखिलेश यादव का पक्ष लेते हुए अपने समर्थन का किरदार निभाते हुए दिखे. गौरतलब बात है कि उन्होंने अपनी पुरानी लड़ाई का मोर्चा चाचा- भतीजे की चल रही लड़ाई में खोलते हुए राज्यसभा सांसद अमर सिंह के खिलाफ बिना नाम लिए मीडिया को यह बयान दिया है की उन्होंने पहले ही कहा था कि पार्टी में ऐसे लोग आएंगे तो पार्टी में बवाल मचना स्वाभाविक है. उन्होंने यह भी कहा कि न वह किसी का नाम ले रहे है और न ही सीएम ने किसी का नाम लिया है.
अमर और रामगोपाल आमने-सामने क्यों ?
चोरी अपने आप सामने आ रही है. अगर उन्होंने कुछ कहा नहीं तो मीडिया को अपना बयान क्यों देते फिर रहे है. कुल मिलाकर इस स्क्रिप्ट में विलेन की भूमिका में अमर सिंह दिख रहे हैं. उधर मुलायम के चचेरे भाई राम गोपाल भी अखिलेश की तरफ से बोलते हुए इसलिए दिखाई दे रहे हैं. क्यों कि उनका भी पुराना झगड़ा शिवपाल और अमर सिंह से है. बताया जाता है कि हाल में नोएडा अथार्टी में जहां वह अपने किसी चहेते अधिकारी की पोस्टिंग कराना चाहते थे वहीँ अमर सिंह भी अपने जानने वाले अफसर को चेयरमैन के पद पर बैठने की फ़िराक में थे, लेकिन मुलायम सिंह ने दोनों की सिफारिशों को किनारे लगाते हुए अपने पुराने दोस्त की पोस्टिंग कर दी.
चिंगारी को आग का रूप देकर झगडे से निकले भाग अमर
सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह के इस फैसले के बाद दोनों की जुबान पर ताले लग गए. लेकिन दोनों ही एक दूसरे से भीतर ही भीतर चिड़े बैठे हैं. बताया जाता है कि मुलायम के परिवार में अब वर्चस्व की जंग छिड़ गयी है. पार्टी में अमर सिंह के आगे कई लोगों की बोलती इसलिए बन्द हो जाती है क्यों कि वह मुलायम सिंह के परम मित्रों में से एक हैं. बताया जाता है कि अखिलेश भी चूँकि अमर सिंह के खिलाफ शुरू से हैं. इसलिए चाचा राम गोपाल अपने भतीजे सीएम अखिलेश के खेमे में शामिल हैं. यही नहीं नगर विकास मंत्री आज़म खान भी इस पारिवारिक झगडे की आड़ में अमर सिंह से अपने पुराने झगड़ों का हिसाब-ख़िताब चुकता करने के चक्कर में बहती गंगा देख अपनी बंद जुबान को खोलते हुए इशारों ही इशारों में अमर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दिखे. और उन्होंने यह भी बात साफ कर दी कि वह अखिलेश के साथ हैं. इसी तरह सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव प्रतीक यादव और अमर सिंह के साथ इस धारावाहिक में अहम् भूमिका का किरदार निभाते हुए दिख रहे हैं. खबर तो यह भी है कि इस लड़ाई की चिंगारी में फुंकनी से फूंक मारकर उसकी आग को लपट देने का काम अमर सिंह ने ही किया है.
मुलायम परिवार के झगडे के सुपर हीरो बने अखिलेश
बहरहाल कई कड़ियों वाले इस धारावाहिक में अभी तक सुपर हीरो का रोल निभाते हुए यूपी के सीएम अखिलेश यादव दिख रहे है. दरअसल इसकी वजह यह है कि सूबे की जनता अखिलेश को ही शहरी इलाकों में एक अच्छे नेता के रूप में देख रही है. अखिलेश के कार्यकाल में सपा से यूथ जुड़ा है. महिलाएं भी संग़ठन में जुडी हैं. इतना ही नहीं चुनाव भी चन्द महीनों में होने हैं. ऐसे में अखिलेश अपने पिता और चाचा दोनों पर भारी पड़ते हुए दिखाई दे रहे है. जिसके चलते मुलायम और उनके भाई शिवपाल दोनों ही अखिलेश के खिलाफ कुछ खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं.