मुबंई : 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' के नाम मुम्बई के एक गिरोह ने जो कुछ किया उसे कोई माफ नही कर सकता है. पढ़ाने के नाम पर सैकड़ों नन्ही लड़कियों से पहले झाड़ू पोछा और बर्तन धुलवाने का काम करवाया गया और फिर जवान होने पर उन्हें कोठे पर उतार दिया गया.
मुम्बई के लोखंडवाला इलाके के एक घर से सक्रीय एक बड़े गिरोह ने एनजीओ के नाम पर 10 -10 साल की गरीब लड़कियों को पढ़ाने और खिलाने के नाम उन्हें छोटे छोटे कस्बों से मायानगरी का रास्ता दिखाया. मुम्बई लाकर इन लड़कियों से पहले बाल मज़दूर की सेवा ली गयी और फिर 13 -14 साल की होते ही इनके जिस्म बाजार में नीलाम कर दिए गए. एनजीओ के नाम पर इस गिरोह ने गरीब माँ बाप को भरोसा दिलाकर उनकी बेटियों को महानगर में मुफ्त शिक्षा और मुफ्त खाने-रहने की सुविधा का झांसा दिया था. इस गिरोह ने बड़ी बेरहमी से मासूम बच्चियों को अंतर्राष्ट्रीय सेक्स रैकेट का शिकार बना दिया.
मुम्बई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि गिरोह की सरगना एक महिला है जिसके इशारे पर अब तक 500 कन्याओं के जीवन को कलंकित किया गया है.रोंगटे खड़ी करने वाली बात ये है कि दस दस साल की बच्चियां के जवान होते ही उन्हें कोठे पर बैठाकर नथ उतरवा दी गयी. नथ उतारना वैश्यवृति में लाखों का धंधा माना जाता है.
क्राइम ब्रांच ने फिलहाल पूनम ठाकुर और अंजू ठाकुर और उनके दो पुरुष सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पूनम और अंजू ने छोटे छोटे शहरों में अपने एजेंट बना रखे थे. ये एजेंट उन गरीब परिवारों पर नज़र रखते थे जो अपनी छोटी बेटियों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए तैयार हो जाते थे. इन लड़कियों को मुम्बई लेकर एजेंट आते थे. जब तक लड़की जवान नही होती थी तब तक उसे घर में मेड की नौकरी कराई जाती और बाद में जवान होने पर उसे कोठे पर बैठा दिया जाता था.पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि पूनम दुबई, सऊदी अरब और मध्य एशिया के अन्य किन देशों में सक्रीय थी. जांच में पता लगा है कि निकाह के बहाने कई लड़कियों को विदेश में शेखों को भी बेच दिया गया.