नई दिल्लीः इटावा यानी मुलायम का घर। पहली बार यहां दशहरे पर अपार भीड़ उमड़ी। हर साल से पांच गुना ज्यादा। वजह कि भाजपा से टिकट के दावेदारों ने दशहरा को शक्ति प्रदर्शन का मौका बना लिया। भीड़ इतनी जुटी की पूरे जिले की फोर्स के हाथ-पांव फूल गए। दशहरा मेले में आने से किसी को रोका तो जा सकता नहीं था, लिहाजा प्रशासन नेताओं से मान-मनुहार में लग गया। उधर मुहर्रम पर मेंहदी का जुलूस निकलने के रास्ते पर जयश्रीराम का घोष होने पर माहौल गरमा गया। जयश्रीराम के उद्घोष के साथ जुटी भारी भीड़ ने मुलायम कुनबे को आगामी चुनाव को लेकर डरा दिया। खबर मिलते ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 27 अक्टूबर को इटावा में जनसभा तय कर मुलायम को उनके घर में ललकारने की तैयारी की है।
जड़ पर वार करो, तगड़ा संदेश जाएगा
विरोधी दलों की जड़ पर वार करो तो तगड़ा संदेश जाएगा। यह फार्मूला है अमित शाह का। शाह का मानना है कि सपा के गढ़ यानी इटावा में मुलायम कुनबे की घेराबंदी करने से जनता के बीच संदेश जाएगा कि भाजपा इस बार बहुत आक्रामक मूड में है। वहीं मुलायम कुनबा भी कहीं किला दरक न जाए, इसकी आशंका हमेशा सताती रहेगी तो एक मनोवै ज्ञान िक दबाव कायम होगा। इसका भाजपा को फायदा होगा। भाजपा नेता कहते हैं कि मुलायम के गढ़ में अगर में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीट जीती तो यह न केवल सपा के लिए बड़ा राजनैतिक और मनोवैज्ञानिक झटका होगा वहीं सूबे में भाजपा की ताकत का जनता लोहा मानेगी।
चुनावी माहौल में पहले से भीड़ भांपने में गच्चा खा गया प्रशासन
इटावा के लोग बताते है यहां पहले कभी नहीं माहौल खराब हुआ। पहली बार मेंहदी के जुलूस के रास्ते पर भगवा समर्थकों के जाने से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ते-बिगड़ते बचा। आमतौर पर प्रशासन एलआइयू की रिपोर्ट के आधार पर अपनी तैयारियों को मूर्त रूप देता है। एलआइयू की रिपोर्ट पिछले वर्षों में जुटी भीड़ के आधार पर तैयार होती है। मगर चुनावी माहौल होने के कारण स्थानीय अभिसूचना इकाई(एलआइयू) गच्चा खा गई। जिससे पिछले वर्ष की भीड़ के आधार पर ही प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की थी। जब पांच गुना ज्यादा भीड़ बढ़ी तो प्रशासन की सारी तैयारियां ध्वस्त हो गईं।